Pakistan News: आंतक के आका पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बड़ी जिम्मेदारी क्या मिली, कि पाकिस्तान एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। आतंक के पोषक पाकिस्तान के साथ अबकी बार UNSC की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। जैसे IMF ऑपरेशन सिंदूर के ठीक बाद 9 मई के दिन पाकिस्तान को आर्थिक मदद देकर घिरा था। वैसे ही UNSC अब पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष बनाकर सवालों के घेरे में है। पूछा जा रहा है कि आतंक के पोषक को ही कैसे काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है? आतंक को बढ़ावा देने वाला मुल्क भला कैसे आतंकवाद को चोट पहुंचा पाएगा? इससे इतर भी कुछ सवाल हैं जो फिलहाल Pakistan News के नाम से सुर्खियां बटोर रहे हैं।
Pakistan के काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष बनने के बाद UNSC पर उठे सवाल!
ये जगजाहिर है कि पाकिस्तान में लाहौर से लेकर कराची, इस्लामाबाद, मुजफ्फराबाद तक आतंकी पल रहे हैं। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार आतंक का पोषक है। ऐसे में भला कैसे पड़ोसी मुल्क UNSC की काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष चुना जा सकता है। दरअसल, UNSC की ये कमेटी आतंकवाद के खिलाफ नितियां बनाती है और इस चुनौती से निपटने का काम करती है। ऐसे में जब खुद आतंक को बढ़ावा देने वाला मुल्क, इस कमेटी की कमान संभालेगा तो भला कैसे आतंकवाद को जवाब दिया जा सकेगा। सोशल मीडिया से लेकर अन्य तमाम जगहों पर UNSC के इस फैसले की निंदा हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आंतक का पोषक भला कैसे आतंकवाद को समाप्त करने में भूमिका निभा सकता है।
IMF की भूमिका पर भी उठे थे सवाल!
इससे पूर्व अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भी तब सवालों के घेरे में आया था, जब ऑपरेशन सिंदूर के ठीक बाद 9 मई के दिन पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर की सहयोग राशि मिली थी। IMF के इस फैसले पर सभी ने हैरानी व्यक्त करते हुए टेरर फंडिंग तक के आरोप लगा दिए थे। तर्क दिया गया कि पाकिस्तान दुनिया से मिलने वाली धनराशि का इस्तेमाल आतंकी हमला प्रायोजित करने में लगाता है। ऐसे में आईएमएफ ने Pakistan को क्यों फंड दिया? भारी फजीहत के बाद इस मामले आईएमएफ की ओर से बाद में सफाई जारी की गई थी। ऐसे में IMF के बाद UNSC का कदम सवालों के घेरे में और तमाम तरक की बातें की जा रही हैं।