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टेरर फंडिंग या सामान्य प्रक्रिया? India की आपत्ति के बावजूद IMF ने Pakistan को क्यों दी वित्तिय मदद? भारी फजीहत के बाद आया पक्ष

Pakistan IMF Loan: तमाम फजीहत और उठते सवालों के बीच आईएमएफ की ओर से आधिकारिक बयान सामने आ गया है कि आखिर क्यों इस अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ने पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी थी। आईएमएफ ने साफ तौर पर बताया है कि भारत की आपत्ति के बावजूद Pakistan को कर्ज क्यों दिया गया था।

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Pakistan IMF Loan
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Pakistan IMF Loan: वो भारतीय सैन्य कार्रवाई के ठीक बाद का दौर था जब अंतर्राष्ट्रीय संगठन आईएमएफ की ओर से पाकिस्तान की वित्तिय मदद दी गई। ऑपरेशन सिंदूर के ठीक बाद 9 मई को इसका ऐलान हुआ जिसके बाद IMF की खूब फजीहत हुई। भारत ने तो दुनिया के तमाम सार्वजनिक मंचों पर IMF के इस फैसले की निंदा करते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी। कहीं टेरर फंडिंग का जिक्र हुआ, तो कहीं आईएमएफ की कार्यशैली पर ही सवाल उठे। अब Pakistan IMF Loan से जुड़े इस पूरे प्रकरण में आधिकारिक पक्ष सामने आ गया है। आईएमएफ की ओर से बताया गया है कि आखिर क्यों संस्थान ने आतंक के आकाओं को 1 अरब डॉलर की वित्तिय मदद दी थी। ऐसे में आइए हम आपको IMF के आधिकारिक पक्ष के बारे में विस्तार से बताते हैं।

India की आपत्ति के बावजूद Pakistan IMF Loan पर उठे सवालों का आधिकारिक पक्ष

अंतर्राष्ट्रीय संस्थान आईएमएफ का आधिकारिक पक्ष उस पूरे मसले पर सामने आया है जिसके चलते संस्थान आलोचा के दायरे में गया। पाकिस्तान आईएमएफ लोन से जुड़े प्रकरण पर संस्थान ने स्पष्ट किया है कि “पाकिस्तान को दी गई वित्तीय सहायता पहले के समझौते का हिस्सा थी। इसमें सामान्य प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। उस समझौते को उसके बाद हमारे कार्यकारी बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया और हमारे कार्यकारी बोर्ड ने 9 मई को समीक्षा पूरी कर ली। उस समीक्षा के पूरा होने के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को उसी समय धनराशि प्राप्त हो गई।” ऐसे में Pakistan IMF Loan से जुड़े मुद्दे पर संस्थान ने किसी प्रकार के षडयंत्र को सिरे से खारिज कर दिया है।

संस्थान से जुड़े जूली कोजैक ने कहा है कि “आईएमएफ द्वारा सदस्यों को भुगतान संतुलन की समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से वित्तपोषण प्रदान किया जाता है। पाकिस्तान के मामले में ईएफएफ के तहत प्राप्त सभी संवितरण केंद्रीय बैंक के भंडार में आवंटित किए जाते हैं।” ऐसे में आईएमएफ ने किसी भी तरह की अनियमितता को सिरे से खारिज करते हुए अपना आधिकारिक पक्ष दुनिया के सामने रखा है।

पाकिस्तान को वित्तिय मदद मिलने के बाद IMF की कार्यशैली पर उठे थे सवाल!

गौर करने वाली बात है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से जवाबी कार्रवाई की। इसके ठीक बाद 9 मई को Pakistan IMF Loan पर मोहर लग गई। पाकिस्तान आईएमएफ लोन के तहत आतंक के आकाओं को 1 अरब डॉलर की वित्तिय सहायता मिली थी। इसके बाद IMF की कार्यशैली पर सवाल उठे और इसे टेरर फंडिंग का तमगा दिया जाने लगा। हालांकि, अब संस्थान ने आधिकारिक पक्ष जारी कर इसे सामान्य प्रक्रिया बताया है और तमाम उठते सवालों पर विराम देने की कोशिश की है।

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