ASEAN Summit 2025: तमाम अटकलों पर पूर्ण विराम लग चुका है। अब ये स्पष्ट है कि अगले सप्ताह पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात नहीं होगी। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी आसियान समिट 2025 का हिस्सा बनने के लिए मलेशिया दौरे पर जाने वाले थे। यहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहुंचने की खबर भी थी।
कयास लगाए गए कि मलेशिया में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात मलेशिया में हो सकती है। हालांकि, पीएम मोदी के लेटेस्ट एक्स पोस्ट ने सभी तरह के कयासों पर विराम लगा दिया है। पीएम मोदी के एक्स पोस्ट से ऐसी बातें लिखी गई हैं जो अंदरखाने अमेरिकी राष्ट्रपति की बेचैनी बढ़ा सकते हैं।
मलेशिया में आयोजित ASEAN Summit 2025 से पहले अटकलों पर विराम
पीएम मोदी के एक्स हैंडल से जारी एक पोस्ट ने उन तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है कि जिसमें आसियान समिट में उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात का दावा था। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि वे वर्चुअली इस शिखर सम्मेलन का हिस्सा होंगे।
प्रधानमंत्री के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। उन्हें मलेशिया की आसियान अध्यक्षता के लिए बधाई दी और आगामी शिखर सम्मेलनों की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से शामिल होने और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उत्सुक हूँ।”
ये एक्स पोस्ट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेचैनी बढ़ा सकता है जो पूर्व में पीएम मोदी से मुलाकात की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं।
मलेशिया में डोनाल्ड ट्रंप से नहीं मिलेंगे पीएम मोदी
इस बात की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है। दरअसल, सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि आने वाले हफ़्तों में पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकात प्रस्तावित है। इस दौरान व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की आशा भी व्यक्त की गई थी। आसार जताए गए पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप आसियान समिट के दौरान मलेशिया में मिल सकते हैं।
हालांकि, पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि वो वर्चुअली आसियान शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे। इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच मुलाकात से जुड़ी खबरों पर विराम लग चुका है। ये सबकुछ ऐसे दौर में हुआ है जब अमेरिका भारत पर रूसी तेल ना खरीदने का दबाव बना रहा है। यही वजह है कि पीएम मोदी के एक्स पोस्ट को अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए झटका बताया जा रहा है।