Muhammad Yunus: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ही नहीं, बल्की बांग्लादेश भी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। हालिया वाकया बांग्लादेशी आर्मी चीफ और अंतरिम सरकार के चीफ मुहम्मद युनूस के बीच हुई संवाद से जुड़ा है। दरअसल, जनरल वकर-उज-ज़मान ने कट्टरपंथी मुहम्मद युनूस को साफ तौर पर स्पष्ट कर दिया है कि शीघ्र चुनाव कराएं और सैन्य मामलों में हस्तक्षेप बंद करें। ऐसे में बांग्लादेशी सेना प्रमुख की ओर से दी गई ये चेतावनी Muhammad Yunus के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। कहा जा रहा है कि मुहम्मद युनूस के हाथ से अब सत्ता की बागडोर खिसक सकती है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान और चीन से नजदीकियां बढ़ा रहे बांग्लादेश की रणनीति में बदलाव के साथ शेख हसीना की वापसी की संभावनाएं भी बन रही हैं।
कट्टरपंथी Muhammad Yunus के हाथों से खिसकती नजर आ रही सत्ता की बागडोर!
सख्त भाव के साथ बांग्लादेशी सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-ज़मान ने अंतरिम सरकार के चीफ मुहम्मद युनूस को चेतावनी दी है। जब युनूस चीन और पाकिस्तान जैसे मुल्क से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश में हैं। तभी सेना प्रमुख ने बांग्लादेश में शीघ्र चुनाव कराने की बात कही है। इसके अलावा मुहम्मद युनूस को सैन्य गतिविधियों में हस्तक्षेप न करने और प्रस्तावित राखीन कॉरिडोर जैसे प्रमुख मुद्दों पर सेना को अवगत कराने की बात कही गई है। सेना की चेतावनी साफ तौर पर यह इंगित करती है कि Muhammad Yunus के हाथों से सत्ता की बागडोर खिसकती नजर आ रही है। यदि बांग्लादेश में चुनाव हुए, तो शेख हसीना की आवामी लीग भी चुनाव का हिस्सा बनेगी जो अगस्त 2024 में हुएन तख्तापलट के बाद से गायब है। ऐसे में चुनावी परिणाम चाहें जो भी हों, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बांग्लादेशी आर्मी मुहम्मद युनूस को मनमर्जी नहीं करने देगी।
बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट की संभावनाओं पर आर्मी चीफ की राय!
उथल-पुथल की सरजमी रही बांग्लादेश में क्या सैन्य तख्तापलट होगा? इसका जवाब आर्मी चीफ वकर-उज-ज़मान ने दिया है। शेख हसीना को सत्ता से हटाए जाने के बाद Muhammad Yunus को सत्ता सौंपने में अहम भूमिका निभाने वाले आर्मी चीफ ने दिसंबर 2025 से पहले चुनाव कराने की बात कही है। इससे साफ है कि फिलहाल बांग्लादेश में सैन्य तख्तापलट होने की आशंका रत्ती भर भी नहीं है। सेना प्रमुख तख्तापलट से जुड़े सवाल पर कहते हैं कि बंगाली राष्ट्र (Bangladesh) में सत्ता पर कब्जा करने वाले जनरलों को मौत या अपमान का सामना करना पड़ा। ऐसे में वो ऐसा नहीं करने वाले। फिलहाल जनरल वकर-उज-ज़मान बांग्लादेश में लोकतंत्र को बहाल करने, स्थिरता बनाए रखने और बांग्लादेश की सेना के पेशेवर मानकों को बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में ये मुहम्मद युनूस के लिए एक चेतावनी है कि सत्ता की बागडोर उनके हाथों से खिसक सकती है।