Vladimir Putin India Visit: आगामी कल की तारीख भारत के लिहाज से बेहद अहम है। दरअसल, इस दिन रूसी राष्ट्रपति भारत दौरे पर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा दोनों देश (भारत-रूस) के बीच साख को और मजबूती देगा। दशकों से भारत के साथ कदम से कदम मिलाता चला आ रहा रूस अब और मजबूती के साथ अपने करीबी साथी के साथ खड़ा होगा।
व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा जहां हमारे लिए अहम हैं, वहीं कईयों को ये खटक रहा है। सीधे तौर पर कहें जो अमेरिका और पाकिस्तान प्रमुख रूप से व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर नजर जमाए हुए हैं। दोनों देशों के बीच सैन्य समझौते को लेकर आई लेटेस्ट अपडेट ने दुश्मनों के मंसूबे पर पानी फेरते हुए उनके होश उड़ा दिए हैं। आइए हम आपको रूसी राष्ट्रपति के दौरे से जुड़े लेटेस्ट अपडेट बताते हैं।
भारत-रूस की साख को मजबूती देगा रूसी राष्ट्रपति का दौरा!
दशकों से भारत-रूस एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिलाकर चले हैं। 1970 से पहले की रूसी सत्ता और भारतीय सत्ता का मजबूती से साथ होने का अतीत है। ऐसे में इस संबंध को और मजबूती देने के लिए व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आ रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच कई पहलुओं पर चर्चा होनी है। एक ओर जहां दुनिया रूस से किनारा काट रही है। वहां भारत का मजबूती के साथ अपने मित्र देश के साथ कदम से कदम मिलाना प्रेसिडेंट पुतिन के लिए बेहद अहम है। यही वजह है कि उनके भारत दौरे को लेकर तमाम तरह की संभावनाएं और संबंध के और प्रगाढ़ होने के आसार जताए जा रहे हैं।
प्रेसिडेंट ट्रम्प से लेकर पाकिस्तान तक के उड़ रहे होश?
व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कईयों को खटक सा रहा है। अमेरिका और पाकिस्तान उनमें से प्रमुख हैं। अतीत पर नजर डालें तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वो बयान नजर आता है जिसमें वो भारत से रूसी तेल न खरीदने का दबाव बनाते नजर आते हैं। इस मुद्दे को लेकर अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ बम भी फोड़ा जाता है। बावजूद इसके भारत अपने हितों को साधते हुए रूसी तेल की खरीदारी कर रहा है। यही वजह है कि व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा प्रेसिडेंट ट्रंप की आंख में किरकिरी के समान बताया जा रहा है।
आतंक के आका पाकिस्तान के लिए भी रूसी राष्ट्रपति का दौरा खटकने वाला है। जहां एक ओर आतंकी मंसूबा पालते हुए पाकिस्तान भारत को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाता है। वहां रूसी राष्ट्रपति की भारत के साथ उपस्थिति उन मंसूबों पर पानी फेरती है। तमाम आधुनिक हथियारों की खेप भारत को देते हुए रूस पड़ोसी मुल्क की नींद उड़ाने का काम कर रहा है।
भारत-रूस के बीच सैन्य समझौते पर अहम अपडेट
खबरों की मानें तो RELOS समझौते को मॉस्को संसद ने मंजूरी दे दी है। आगामी 5 दिसंबर को इसे आधिकारिक रूप से लागू किया जा सकता है। इस समझौते के तहत भारत-रूस एक दूसरे के मिलिट्री बेस का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे इतर भारत-रूस एक-दूसरे के युद्धपोत को अपने बंदरगाहों पर रुकने की अनुमति दे सकेंगे। वहीं सैन्य समझौता के तहत दोनों देशों की सैन्य इकाइयां ईंधन, मरम्मत सेवाएं, भोजन, उपकरण और अन्य सामरिक सहायता प्रदान कर सकेंगी। ये एक ऐसा समझौता है जो भारत-रूस की साख और संंबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करेगा। फिलहाल सबकी नजरें 4-5 दिसंबर पर टिकी हैं जब व्लादिमीर पुतिन आधिकारिक रूप से इसकी नींव रखेंगे।






