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Budget Session 2025: क्या है Economic Survey का इतिहास? बजट से पहले Nirmala Sitharaman सालभर का रिपोर्ट कार्ड करेंगी पेश; पढ़े रिपोर्ट

Budget Session 2025: वित्त मंत्रालय द्वारा बजट से पहले आज इकोनॉमिक सर्वे को पेश किया जाएगा, जो पूरे साल की आर्थिक स्थिति को दर्शाएगा।

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Budget Session 2025
फाइल फोटो प्रतीकात्मक

Budget Session 2025: आज से संसद का Budget Session 2025 का शुरू हो रहा है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कल यानि 1 फरवरी 2025 को आम बजट पेश किया जाएगा। वहीं आज संसद में Economic Survey पेश किया जाएगा। मालूम हो कि इकोनॉमिक सर्वे बजट से पहले देश का आर्थिक हाल बताता है, जिसमे महंगाई दर, जीडीपी समेत अन्य डिटेल शामिल है। आज इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि Budget Session 2025 में Economic Survey कितना महत्वपूर्ण है, और इसका इतिहास क्या है?

क्या है Economic Survey का इतिहास?

जानकारी के मुताबिक साल 1950-51 में भारत का पहला Economic Survey शुरू किया गया था। हालांकि इसे 1964 में बजट से अलग कर दिया था, और तब से इसे अलग से पेश किया जाता है। आमतौर पर संसद के बजट सत्र से एक दिन पहले इसे पेश किया जाता है। यह इकोनॉमिक सर्वे इसलिए और बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, यह रिपोर्ट पूरे साल की भारत की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है, जो Budget Session 2025 के दौरान पेश किया जाएगा।

Budget Session 2025 के पहले क्यों पेश किया जाता है Economic Survey

बताते चले कि इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य आर्थिक परिदृश्य का गहन मूल्यांकन प्रस्तुत करता है ताकि वर्तमान वित्तीय स्थितियों पर बजटीय निर्णय लिए जा सकें। आर्थिक सर्वेक्षण आर्थिक रुझानों और बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसी विभिन्न चुनौतियों का विश्लेषण करने में मदद करता है। गौरतलब है कि बजटीय आवंटन को अंतिम रूप देने से पहले अच्छी तरह से सूचित बहस और चर्चा की अनुमति मिलती है।

Budget Session 2025 से पहले क्या बोले PM Modi?

गौरतलब है कि आज से संसद में बज सत्र की शुरूआत हो चुकी है। इसी दौरान पीएम मोदी ने कई अहम पहलुओं पर अपना अभिभाषण दिया। उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि “इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूत करने में योगदान देंगे, खासकर युवा सांसद, क्योंकि यह उनके लिए एक सुनहरा अवसर है।

वे विकसित भारत के गवाह बनेंगे। मुझे उम्मीद है कि हम लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं पर खड़े उतरेंगे। हमारा देश एक युवा देश है और आज 20-25 साल के युवा जब 50 साल के होंगे तब विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी होंगे”।

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