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ED & IT Raid: आखिर कहां जाता है आयकर विभाग और ईडी द्वारा छापेमारी के दौरान जब्त किया धन? यहां जानें सब कुछ

ED & IT Raid: आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त किया गया रकम विस्तृत रिपोर्ट बनाने के बाद संस्था के सरकारी बैंक अकाउंट में रखा जाता है।

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ED and IT Raid
फाइल फोटो- प्रतीकात्मक

ED & IT Raid: देश में इन दिनों आयकर विभाग की टीम व्यापक स्तर पर छापेमारी कर रही है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा में है झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू पर हुई आयकर विभाग की छापेमारी। खबरों की मानें तो अब तक इस छापेमारी के दौरान सांसद धीरज साहू के कई ठिकानों से 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी बरामद की जा चुकी है। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल उठना सामान्य है कि आखिर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) या आयकर विभाग छापेमारी के दौरान जब्त किए गए नकदी का क्या करते हैं? आखिर इतनी ज्यादा मात्रा में मिलने वाले धन या अन्य सामानों को कहां रखा जाता है? ऐसे में आज हम इस लेख के माध्य से इसी तरह के कुछ प्रश्नों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

आखिर कहां जाता है IT और ED जब्त किया धन?

भारत के अलग-अलग हिस्सों में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की जा रही छापेमारी की खबर सामने आती रहती है। इस दौरान भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी होती है। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आखिर संस्थाएं कैश व अन्य सामानों का क्या करती हैं। बता दें कि सबसे पहले छापेमारी के दौरान जब्त किए गए कैश या अन्य सामानों का आंकलन कर उसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है। वहीं आरोपी को ये स्पष्ट करने का मौका भी दिया जाता है कि उसके पास इतनी रकम कहां से आई। अगर आरोपी संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहता है, तो धन को गैरकानूनी तरीके से अर्जित माना जाता है और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) प्रावधानों के तहत उसे जब्त कर लिया जाता है। इसके बाद से भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों की उपस्थिति में बरामद किए गए कैश की मशीनों द्वारा गिनती की जाती है। वहीं गिनती के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर नकदी रकम को संस्था के सरकारी बैंक अकाउंट में जमा कर दिया जाता है।

ध्यान रखने योग्य बात ये है कि छापेमारी के दौरान जब्त किए गए रुपयों का इस्तेमाल प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, बैंक या सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है। संबंधित विभाग छापेमारी के क्रम में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर मामला अदालत तक ले जाता है। ऐसे में अगर अदालत आरोपी पर लगे दोष को सही ठहराता है तो जब्त की गई रकम केन्द्र सरकार के खजाने में चली जाती है। वहीं आरोपी के निर्दोष साबित होने पर जब्त की गई राशि उसे वापस कर दी जाती है।

क्या होता है जब्त किए गए प्रॉपर्टी का?

आयकर विभाग नकदी रकम को सीज करता है तो वहीं प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संपत्ति भी सीज कर ली जाती है। ऐसे में आरोपी से जब्त की गई संपत्ति को ईडी महज 180 दिन तक ही अपने पास रख सकती है। इस दौरान अगर आरोपी कोर्ट में दोषी साबित होता है तो प्रॉपर्टी सरकार की और अगर नहीं होता है तो प्रॉपर्टी उसे लौटा दी जाती है।

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