Gautam Adani: सात समुंदर पार अमेरिका से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी से जुड़ा है। दरअसल, अडानी ग्रुप पर अमेरिका में रिश्वत देने का एक कोर्ट केस पंजीकृत है। इस पूरे मामले को लेकर अडानी ग्रुप की देश-विदेश में फजीहत हो चुकी है। हालांकि, अब लेटेस्ट जानकारी ये है कि अडानी ग्रुप के अधिकारिक ट्रंप प्रशासन से मिले हैं। उधर अमेरिका में Gautam Adani ग्रुप के अधिकारियों की मुलाकात ट्रंप सरकार के अधिकारियों से हुई है, तो वहीं दूसरी ओर अडानी ग्रुप के शेयर रॉकेट की रफ्तार से भागे हैं। अडानी ग्रुप के शेयर में आज 13 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है और लंबी छलांग के साथ शेयर ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं।
अमेरिका में Gautam Adani ग्रुप की ट्रंप प्रशासन संग मुलाकात के बाद भागे शेयर
विदेशी धरा पर अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने कथित रिश्वतखोरी मामले को लेकर ट्रंप सरकार के अधिकारियों से मुलाकात की है। ब्लूमबर्ग न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी की टीम ने डोनाल्ड ट्रंप सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर क्रिमिनल चार्ज हटाने की अपील की है। गौतम अडानी ग्रुप की ओर से ये भी कहा गया है कि रिश्वत देने का मामला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता से नहीं मिलता। ऐसे में कथित रिश्वतखोरी मामले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। Gautam Adani ग्रुप की ओर से पेश की गई खास दलील के बाद अडानी ग्रुप के शेयर में तग़ी वृद्धि दर्ज की गई है। अमेरिका में हुई मुलाकात के बाद अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 7 फीसदी, अडानी टोटल गैस के शेयर 10 फीसदी, अडानी पोर्ट्स, पावर, एनर्जी सॉल्यूशंस और ग्रीन एनर्जी के शेयरों में भी 6 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है।
क्या है अडानी ग्रुप पर लगा कथित रिश्वतखोरी से जुड़ा पूरा मामला?
थोड़ा फ्लैशबैक में जाएंगे तो आपको इस संबंध में विस्तार से बनी खबरें और हेडलाइन्स पढ़ने को मिलेंगी। दरअसल, अमेरिकी जांच एजेंसियों ने Gautam Adani और सागर अडानी के खिलाफ अडानी ग्रुप को पावर सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट से जुड़े मामले में हेरफेर का दावा किया। कथित रूप से इस कॉनट्रैक्ट के लिए भारत में अधिकारियों को करोड़ों में रिश्वत दी गई थी। इसके बाद अडानी ग्रुप ने अमेरिकी निवेशकों को गुमराह कर पैसे जुटाए। अमेरिकी जांच एजेंसियों ने इसी प्रकरण को लेकर गौतम अडानी ग्रुप को निशाने पर लिया और गंभीर आरोपों के आधार पर समन जारी किया। हालांकि, अब अडानी ग्रुप ने ट्रंप सरकार से रिश्वतखोरी से जुड़े मामले को खारिज करने की गुहार लगाई है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस पूरे प्रकरण में आगे क्या फैसला आता है।