GDP: विश्व में आर्थिक संकंट के बीच भारत लगातार आर्थिक क्षेत्र में नई ऊचाईयों को छू रहा है, इसी बीच तीसरी तिमाही का जीडीपी ग्रोथ रेट सामने आ चुका है। बता दें कि तीसरी तिमाही में भारत का विकास दर 6.2 प्रतिशत रहा है, जो दूसरी तीमाही से काफी ज्यादा है। विश्व में आर्थिक संकंट लगातार जारी है, जिसका असर भारतीय शेयर मार्केट पर भी पड़ रहा है, आलम यह की सेंसेक्स 1400 अंक नीचे लुढ़क गया है, जो अपने आप में एक चिंता का विषय है। चलिए आज इस लेख के माध्यम से आपको बताते है कि विकास दर में बढ़ोतरी के बाद भी शेयर मार्केट में गिरावट क्यों दर्ज की जा रही है।
तीसरी तिमाही में भारत का GDP ग्रोथ रेट रहा 6.2 प्रतिशत
दूसरी तिमाही यानि जुलाई से सितंबर के बीच GDP ग्रोथ रेट 5.6 प्रतिशत रहा था, जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे कि क्या भारत की आर्थिक अर्थव्यवस्था खतरे में थी, लेकिन तीसरी तिमाही के नतीजों ने साफ कर दुनिया में आर्थिक संकंट के बीच भारत लगातार अपनी आर्थिक पथ पर कायम है और तेजी से आगे बढ़ रही है, वहीं अब इसे लेकर एक्सपर्ट ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है, हालांकि इस बीच एक्सपर्ट ने कुछ चीजों को लेकर भारत को चेताया भी है।
तीसरी तिमाही के नतीजों पर क्या बोले एक्सपर्ट
तीसरी तिमाही में GDP की वृद्धि दर 6.2% होने पर इन्फोमेरिक्स इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा कि, “हम इस संख्या को सकारात्मक दृष्टि से देखते हैं क्योंकि अगर आप पिछली तिमाही के आंकड़ों को याद करें तो यह 5.4 प्रतिशत थी। ऐसा लगता है कि आर्थिक गतिविधियों में व्यापक आधार पर बढ़ोतरी हुई है,
जिसमें ग्रामीण उपभोग और व्यय का सारांश, केंद्र और राज्यों दोनों का उच्च सरकारी खर्च, सेवाओं और निर्यात में उच्च वृद्धि, प्रमुख खरीफ फसलों का उत्पादन और कुछ उपभोक्ता-आधारित खंड शामिल हैं। कुल मिलाकर, हम देखते हैं कि जबकि सबसे खराब स्थिति हमारे पीछे है, चिंता के कुछ क्षेत्र भी हैं, जैसे वैश्विक अनिश्चितताएं और अस्थिर ऊर्जा कीमतें।”
बढ़ती विकास दर के बाद भी क्यों शेयर मार्केट का हुआ बुरा हाल
पिछले कुछ दिनों से भारत शेयर मार्केट में लगातार गिरावट जारी है, जो परेशानी का सबब बना हुआ है, आलम यह है कि अभी कर निवेशकों के कई लाख करोड़ रूपये डूब चुके है। वहीं बीते दिन यानि 25 फरवरी को सेंसेक्स 1400 अंक तक लुढ़क गया था, वहीं अगर इसके कारण की बात करें तो कई एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर मार्केट में गिरावट के कई प्रमुख कारण है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारण, Donald Trump के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। ट्रम्प द्वारा की गई टैरिफ घोषणाओं का बाजार पर असर पड़ रहा है, इसके अलावा जापान का मुद्रास्फीति एक चिंता का विषय है, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार मार्केट से पेशे निकालना समेत अन्य चीजें शामिल है।