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Hindenburg Research की रिपोर्ट पर ये कैसा तमाशा, तू-तू मैं-मैं की जंग में राष्ट्रवाद पर भी उठी अंगुली

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Hindenburg Research

Hindenburg Research: अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी की जिंदगी में कोहराम मचा रखा है। दरअसल हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी के खिलाफ 24 जनवरी को एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसके अंतर्गत 88 सवाल पूछे गए थे। इसमें अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े-बड़े आरोप लगाए थे। जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर्स में काफी गिरावट दर्ज की गई थी। खबरों की मानें तो अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। अडानी ग्रुप ने इन सवालों का जवाब दिया और 413 पन्नों का जवाब जारी करते हुए कहा कि सभी आरोप झूठे हैं और यह भारत के खिलाफ एक साजिश है। अब इस मुद्दे में गर्माहट बढ़ती जा रही है क्योंकि अब हिंडनबर्ग रिसर्च ने 413 पन्नों का जवाब दिया है।

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अडानी ग्रुप ने कुछ इस प्रकार दिया जवाब

उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जारी की गई यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियादी हमला नहीं है बल्कि यह भारत पर सोच-समझकर किया गया हमला है। यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर किया गया हमला है। यह भारत के विकास की कहानी और उम्मीदों पर किया गया हमला है।

आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर तैयार की गई है यह रिपोर्ट-अडानी ग्रुप

अडानी ग्रुप ने कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों को मिलाकर की गई है। यह रिपोर्ट बदनाम करने की साजिश के लिए तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि जब अडानी ग्रुप का IPO लॉन्च होने वाला है, जो देश का सबसे बड़ा IPO होगा। उससे ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी बदनीयत का सबूत दिया है। अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह रिपोर्ट न ही स्वतंत्र है और न ही निष्पक्ष।

हिंडनबर्ग ने दिया आरोपों का जवाब

अडानी ग्रुप द्वारा भेजे गए 413 पन्नों के जवाब का हिंडनबर्ग ने भी जवाब दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च का कहना है कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखाधड़ी से नहीं बचा जा सकता है। यह 413 पन्नों की रिपोर्ट असली मुद्दों से ध्यान को भटकाने की कोशिश है। उन 88 सवालों का जवाब देने की जगह अडानी ग्रुप राष्ट्रवाद का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने अभी तक इन 88 सवालों में से 62 सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि भारत एक वाइब्रेंट डेमोक्रेसी है और एक सुपरपावर के तौर पर उबर रहा है लेकिन अडानी ग्रुप भारत के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। अडानी ग्रुप फ्रॉड करके राष्ट्रवाद की आड़ में देश को लूट रहा है।

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