गुरूवार, दिसम्बर 11, 2025
होमख़ास खबरेंIndia US Trade Deal: 'इन्हें मनाना बहुत मुश्किल..' अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन...

India US Trade Deal: ‘इन्हें मनाना बहुत मुश्किल..’ अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के बयान से हलचल तेज; समझे इसके मायने

Date:

Related stories

India US Trade Deal: बता दें कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिध भारत पहुंच चुके है। माना जा रहा है कि अमेरिकी और भारत ट्रेड डील पर खुशखबरी मिल सकती है। हालांकि भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह अपने हितों को सबसे आगे रखेगी। अगर सहमति होती है, तभी डील संभव है। इसी बीच अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के अनुसार ने कहा कि “भारत में कुछ खास फसलों और अन्य मांस उत्पादों को लेकर प्रतिरोध है। जैसा कि आपने कहा, इन्हें मनाना बहुत मुश्किल है। मैं इस बात से शत प्रतिशत सहमत हूं।” जिसके बाद एक अलग तरह की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या ट्रेड एक बार फिर बेनतीजा निकलेगी या जल्द खुशखबरी मिलने जा रही है।

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के बयान से हलचल तेज

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत में कुछ खास फसलों और अन्य मांस उत्पादों को लेकर प्रतिरोध है। जैसा कि आपने कहा, इन्हें मनाना बहुत मुश्किल है। मैं इस बात से शत प्रतिशत सहमत हूं। लेकिन वे काफी आगे बढ़कर कदम उठा रहे हैं। उन्होंने हमें जो प्रस्ताव दिए हैं, वे अब तक के सबसे अच्छे प्रस्ताव हैं जो हमें एक देश के रूप में मिले हैं।”

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब इंडिया यूएस ट्रेड डील को लेकर बैठक हुई है। इससे पहले भी कई बार इस मामले में चर्चा नहीं हुई है, लेकिन यह सब बेनतीजा हो गई थी। क्योंकि बीते एक महीने के भीतर भारत में बहुत कुछ हुआ है, जिसमे पुतिन का आना चर्चाओं का विषय बना हुआ है। माना जा रहा है कि इस बार अमेरिका पूरी कोशिश करेगी की डील हो जाए।

India US Trade Deal पर क्या बोले अमेरिकी प्रतिनिधित्व

अमेरिकी प्रतिनिधि बिल हुइज़ेंगा ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि “भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अमेरिकी कंपनियां समान अवसर के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश करने के लिए उत्सुक हैं। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के साथ एक नया व्यापार समझौता इस लक्ष्य को और अधिक साकार करेगा और संबंधों को मजबूत करेगा।

मैं अपने गवाहों से यह सुनने के लिए उत्सुक हूं कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाली यह देश चीन का मुकाबला करने और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के लिए किस प्रकार मिलकर काम कर सकते हैं”।

Latest stories