IndiGo: गत 8 दिनों से देश के हवाईअड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है। लोगों को इमरजेंसी में किसी जगह जाना है, मगर फ्लाइट टाइम पर नहीं है या फिर कैंसिल कर दी गई है। जी हां, इंडिगो संकट अभी भी बरकरार है। ऐसे में केंद्र सरकार ने अब एयरलाइन कंपनी के खिलाफ सख्त रूख अपनाया है। डीजीसीए यानी नागर विमानन महानिदेशालय ने एयरलाइन की उड़ानों के शेड्यूल में 5 फीसदी की कटौती का आदेश दिया है। डीजीसीए के आदेश के बाद माना जा रहा है कि एयरलाइन की लगभग 110 उड़ानों को दूसरी कंपनी को सौंपा जा सकता है।
IndiGo संकट बरकरार, लगभग 200 फ्लाइट्स कैंसिल
मंगलवार को भी कई सारी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा बुरा हाल बेंगलुरु हवाईअड्डे का है। आज भी कुल 200 फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। बेंगलुरु में 58 आने वाली और 63 जाने वाली उड़ानों को कैंसिल किया गया है। चेन्नई में 18 डिपार्चर और 23 आने वाली फ्लाइट्स को रद्द किया गया है। लगभग हफ्तेभर से देश की प्रमुख एयरलाइन कंपनी इंडिगो अपनी कम फ्लाइट्स और स्टाफ मेंबर्स की कमी की वजह से पूरी तरह से उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रही है।
इंडिगो संकट पर केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम
वहीं, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू ने कहा, “एविएशन मिनिस्ट्री ने 10 बड़े एयरपोर्ट पर ऑन ग्राउंड इंस्पेक्शन के लिए सीनियर अधिकारियों को तैनात किया है।” उन्होंने कहा, “हम इंडिगो के रूट्स कम करेंगे। वे अभी 2200 फ्लाइट्स ऑपरेट कर रहे हैं। हम उन्हें निश्चित रूप से कम करेंगे। एयरलाइन ने 1 दिसंबर से 8 दिसंबर के बीच 730655 कैंसिल पीएनआर के लिए 745 करोड़ रुपये का रिफंड प्रोसेस किया है।”
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू लोकसभा में इंडिगो फ्लाइट कैंसिल और रुकावटों के बारे में बात करेंगे, एक दिन पहले उन्होंने राज्यसभा में भी इस बारे में बात की थी। सोमवार को संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में राम मोहन नायडू ने कहा था, “पिछले एक हफ्ते में सैकड़ों फ्लाइट्स कैंसिल होने की वजह नए पैसेंजर सेफ्टी नियमों के लागू होने के बाद इंडिगो का अंदरूनी संकट था।”






