Sarkari Yojana: केंद्र की मोदी सरकार देश के बच्चों का भविष्य संवारने के लिए कई स्कीम चला रही है। लेकिन कुछ योजना इतनी लोकप्रियता हासिल की हैं कि राह-मुसाफिर हर कोई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ किए बिना नहीं रह पाते। इन स्कीम के नाम और फीचर्स के बारे में जानने के बाद आप भी कहेंगे, “थैंक यू मोदी जी!” हम में से ज़्यादातर लोग “सुकन्या समृद्धि योजना” के बारे में जानते हैं। यह योजना मुख्य रूप से एक बेहतरीन सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट पर आधारित है, जो बेटियों का भविष्य सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन, क्या आप केंद्र सरकार की “बालिका समृद्धि योजना” के बारे में जानते हैं?
जानकारी हो कि यह एक सरकारी स्कीम है, जो बेटी के जन्म लेते ही परिवारों को फाइनेंशियल मदद देना शुरू कर देती है। जिससे उनकी पढ़ाई के हर कदम पर आने वाली आर्थिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती है। तो अब आपके मन में सवाल उठने शुरु हो गए होंगे कि लड़कों के लिए मोदी सरकार क्या कुछ योजनाएं चला रही है? यह जानकर आप कहेंगे, “काश मुझे पहले पता होता।” हालांकि, अभी चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह खबर आपके बच्चों का भविष्य बनाने में आपकी मदद कर सकती है। इसलिए, इसे आखिर तक पढ़े बिना स्क्रॉल न करें।
बालिका समृद्धि योजना; 10वीं तक हर क्लास के लिए मिलते हैं पैसे – Sarkari Yojana
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की बालिका समृद्धि योजना कोई नई स्कीम नहीं है। इसे केंद्र सरकार ने 1997 में शुरू किया था। अभी मोदी सरकार के “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” कैंपेन के तहत, यह योजना सीधे उन परिवारों को फायदा पहुंचाती है, जिनके पास आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इस सामाजिक कल्याण योजना का मुख्य मकसद लड़कियों के जन्म के प्रति पॉजिटिव सोच को बढ़ावा देना और उनकी पढ़ाई-लिखाई की स्थिति को मजबूत करना है।
इस योजना का दोहरा उद्देश्य है कि लड़कियों के जन्म के साथ बोझ न समझा जाए, बल्कि उनके जन्म को बढ़ावा दिया जाए। मोदी सरकार द्वारा इस योजना को आगे बढ़ाए जाने का मकसद यह पक्का करना है कि कोई भी लड़की पैसे की कमी की वजह से अपनी पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर न हो और उसे बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों का सामना न करना पड़े। कुल मिलाकर, यह योजना बिटियां की पढ़ाई की नींव मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है।
बालिका समृद्धि योजना के तहत, सरकार योग्य परिवारों को दो लेवल पर फाइनेंशियल मदद देती है। पहली किस्त बेटी के जन्म के तुरंत बाद माँ को दी जाती है। इस स्कीम के तहत पहली किस्त एकमुश्त 500 रुपये की होती है। यह आर्थिक सहायता प्रसव के बाद माँ और बच्चे की तुरंत ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है। इसके अलावा, जब बेटियाँ स्कूल जाना शुरू करती हैं, तो सरकार क्लास 10वीं तक उनकी पढ़ाई के लिए हर साल एक तय राशि की स्कॉलरशिप प्रदान करती है। यह फाइनेंशियल मदद परिवार को मिलती रहती है, जिससे वे अपनी बेटी की पढ़ाई से जुड़े खर्चों को आसानी से पूरा कर पाते हैं। अब बात करते हैं सरकार द्वारा लड़कों के लिए चलाई जा रही स्कीम की, इसके बारे में जानने के लिए खबर को आखिर तक पढ़ें।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन स्कॉलरशिप; बच्चों को मिलते हैं 20 हजार रुपये – सरकारी योजना
मालूम हो कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन स्कॉलरशिप बच्चों को उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए 20000 रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इस स्कीम के पात्र लाभुक को मोदी सरकार किताबों, स्कूल यूनिफॉर्म, जूते और दूसरे स्टडी मटीरियल के लिए महीने के खर्च के लिए 1000 रुपये और सालाना 8000 रुपये देती है। यह पैसा सीधे बच्चों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है। इसके अलावा, पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत मोदी सरकार का मुख्य मकसद अनाथ बच्चों को पढ़ाई के ज़रिए मज़बूत बनाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार का मकसद 23 साल की उम्र तक बच्चों को आर्थिक सहायता देकर “सशक्त” बनाना है।
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