Tuesday, April 22, 2025
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ध्यान दें! बढ़ जाएगी UPI ट्रांजैक्शन की लिमिट! RBI ने NPCI को दी विशेष जिम्मेदारी, जानें यूजर्स की कैसे हो जाएगी बल्ले-बल्ले

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UPI: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट्स को और आगे बढ़ाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ने की संभावना है। मनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की 54वीं बैठक के बाद RBI ने कहा है कि अब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) को यह अधिकार दिया जाएगा कि वो UPI की पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पेमेंट लिमिट तय करे। अभी UPI से ट्रांजैक्शन की लिमिट 1 लाख है, चाहे वो पर्सन-टू-पर्सन (P2P) हो या पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M)। हालांकि, कुछ खास मामलों में P2M पेमेंट्स की लिमिट ₹2 लाख या ₹5 लाख तक की जाती है। लेकिन अब उम्मीद है कि यह लिमिट जल्द ही और बढ़ सकती है।

RBI ने NPCI को दी नई जिम्मेदारी, बढ़ सकती है UPI लिमिट

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यूपीआई यूज़र्स की ज़रूरतों को देखते हुए, अब NPCI को बैंकों और बाकी हिस्सेदारों से बातचीत करके UPI ट्रांजैक्शन लिमिट तय करने की छूट दी जाएगी। इसका मतलब है कि अब RBI खुद लिमिट फिक्स नहीं करेगा, बल्कि यह काम NPCI को सौंपेगा। साथ ही, हर बैंक अपनी इंटरनल लिमिट खुद तय कर सकेगा, लेकिन उसे NPCI द्वारा घोषित लिमिट के अंदर ही रखना होगा। ध्यान देने वाली बात ये है कि P2P ट्रांजैक्शन की लिमिट अभी भी ₹1 लाख ही रहेगी। बदलाव सिर्फ P2M ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे।

UPI यूज़ बढ़ने से बड़ा फैसला लेना पड़ा

मार्च महीने में यूपीआई यूज़ का आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। फरवरी के मुकाबले मार्च में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 13.59% बढ़कर 18.3 बिलियन पहुंच गई। वहीं, वैल्यू के लिहाज से मार्च में ₹24.77 लाख करोड़ की UPI ट्रांजैक्शन हुई, जो फरवरी से 12.79% ज्यादा है।

अब NPCI करेगा UPI लिमिट का फैसला, बैंकों से मिलकर तय होंगे नए नियम

UPI अब देश की डिजिटल इकॉनमी का अहम हिस्सा बन चुका है। ऐसे में NPCI का रोल और भी ज़्यादा जरूरी हो गया है। NPCI अब बैंकों के साथ मिलकर यह तय करेगा कि कब और कितनी लिमिट बढ़ाई जानी चाहिए।

RBI, MPC और NPCI मिलकर बना रहे हैं डिजिटल इंडिया को मजबूत

RBI की यह नई पहल दिखाती है कि देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और बेहतर बनाने की कोशिश लगातार जारी है। P2M UPI ट्रांजैक्शन लिमिट को धीरे-धीरे बढ़ाने से मर्चेंट पेमेंट्स में आसानी होगी और बड़े ट्रांजैक्शन में भी यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ेगा। इसके साथ ही जरूरी सेफ्टी और सिक्योरिटी उपाय भी अपनाए जाएंगे। अब देखना है कि NPCI कब और कितनी लिमिट बढ़ाने का फैसला करता है।

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