Vehicle finance AUM: लगातार पुरानी वाहनों की मांग में वृद्धि, विशेष रूप से वाणिज्यिक और व्यक्तिगत परिवहन क्षेत्रों में, भारत में वाहन वित्तपोषण वृद्धि का एक प्रमुख कारण है। जैसे-जैसे अधिक ग्राहक पुरानी वाहनों को किफायती और मूल्यवान विकल्प के रूप में देख रहे हैं, इन वाहनों के लिए वित्तपोषण विकल्पों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, कार और UV खंडों में ग्राहकों के बीच प्रीमियम वाहनों के प्रति बढ़ती प्राथमिकता इस बाजार के विस्तार को और बढ़ावा दे रही है। गौरतलब है कि इन्हीं वजहों से पुरानी कारों की खरीदारी में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है।
GST संशोधन का पुरानी वाहन वित्तपोषण पर प्रभाव
हाल ही में पुरानी वाहनों की बिक्री पर लाभ पर Goods and Services Tax (GST) दरों में संशोधन किया गया है, जिससे उधारकर्ताओं के लिए स्वामित्व की लागत में थोड़ा इजाफा हो सकता है। हालांकि, क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर रौनक अग्रवाल का कहना है कि इस संशोधन से भले ही पुरानी वाहनों के लिए वित्तपोषण लेने वाले उधारकर्ताओं की लागत बढ़ेगी, लेकिन यह नई वाहनों की तुलना में अभी भी बहुत कम रहेगी। Vehicle finance AUM के तहत पुरानी वाहनों के लिए वित्तपोषण में वृद्धि स्थिर रहेगी, और इस क्षेत्र में लगातार वृद्धि होगी। पुरानी वाहनों की मांग मजबूत बनी रहेगी, जिससे इस क्षेत्र में लगातार वृद्धि सुनिश्चित होगी।
Vehicle finance AUM 9.4 लाख करोड़ रूपये पहुंचने की उम्मीद
वाहन वित्तपोषण में 15-16% वार्षिक वृद्धि का अनुमान है, जिनमें से वाणिज्यिक वाहन (CV) वित्तपोषण में 11-12% की वृद्धि देखी जाएगी, जो पुरानी CVs और उच्च-टन वाहनों की मांग से प्रेरित होगी। वहीं 9.4 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, Vehicle finance AUM इस वर्ष और अगले वर्ष के लिए 15-16% की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर देखने को मिलेगी। कारों और UVs के लिए वित्तपोषण, जो इस खंड का लगभग एक चौथाई हिस्सा है, प्रीमियम मॉडल्स के प्रति बढ़ती प्राथमिकता और UVs के बाजार हिस्से में महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण 22-23% की दर से बढ़ने की उम्मीद है।