Premanand Maharaj: जहां एक ओर मजहब को लेकर चर्चा छिड़ी है, वहीं गुरु प्रेमानंद महाराज की एक टिप्पणी भी सुर्खियां बटोर रही है। यहां बात कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में हो रही है। पहलगाम घूमने गए कई सैलानियों ने आतंकी हमले का आंखों देखा हाल बयां किया और मजहबी कनेक्शन की बात की। इसी बीच प्रेमानंद महाराज ने भी पहलगाम आतंकी हमले के बाद बात रखी है। गुरु Premanand Maharaj ने बताया है कि कैसे आतंकियों का खात्मा किया जा सकता है। प्रेमानंद महाराज ने कुछ खास उपाय सुझाए हैं और बताया है कि कैसे आतंकी दुष्टों का विनाश किया जा सकता है। गुरु प्रेमानंद ने उन आक्रांताओं की निंदा की है जो धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाते हैं। उनका कहना है ऐसा कौन सा ऐसा धर्म है जो दूसरे का अहित करके पुष्ट होता हो। वो धर्म नहीं, अधर्म है।
गुरु Premanand Maharaj ने बताया आतंकियों के साथ कैसा सुलूक करें?
भजनमार्ग के आधिकारिक यूट्यूब चैनल से जारी शॉर्ट वीडियो में प्रेमानंद महाराज आतंकियों से किए जाने वाले सुलूक की बात कर रहे हैं। गुरु प्रेमानंद का कहना है कि “आतंकी दुष्टों का विनाश करो जो अधर्म में चल रहे हैं। कौन सा ऐसा धर्म है जो दूसरे का अहित करके पुष्ट होता हो। वो धर्म नहीं, अधर्म है। अगर पता चल जाए यहां कैंसर है और इसे कटवाने से कैंसर से आप बच जाएंगे, नहीं तो पूरा फैल जाएगा, तो राजी होकर आप पैसा देकर कटवा देंगे। आप इन्हें भी काट दीजिए। एक व्यक्ति से गांव नष्ट हो तो उसको शासन में लेना चाहिए।” Premanand Maharaj आगे कहते हैं कि “ऐसे ही जो मलिन स्वभाव के राक्षसी स्वभाव के लोग हैं और यह समझते हैं कि मैं धर्म कर रहा हूं। दूसरों की हत्या करना कभी धर्म नहीं हो सकता है। इनको शासन में लेना ही धर्म है।”
प्रेमानंद महाराज ने बताया आतंकी गतिविधियों पर काबू पाने का तरीका
यूट्यूब चैनल भजनमार्ग से जारी वीडियो में प्रेमानंद महाराज आतंकी गतिविधियों पर विराम लगाने के लिए खास तरीके बता रहे हैं। उनका कहना है कि “आतंकियों को दंड देना ही धर्म है। अगर उसे दंड नहीं मिलेगा, तो लाखों को मार देगा वो। हम देश और प्रजा और विश्व शांति के लिए ऐसे अधर्मियों पर शासन करें जो अपनी बात को समझते नहीं है। केवल अपनी मनमानी को धर्म मान करके दूसरों की हिंसा दूसरों को दुख पहुंचाना दूसरों का विनाश करना धर्म नहीं है।” Premanand Maharaj आगे कहते हैं कि “कोई भी महापुरुष ऐसा किसी भी धर्म की रचना नहीं किया है जिसमें असहाय और निर्बल लोगों के विनाश का जिक्र हो। आतंकी कड़े शासन के द्वारा ही काबू में किए जा सकते हैं। एक आदमी लाखों को पीड़ित कर रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। आतंकियों को काबू में कर सजा देनी चाहिए।”