Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार राजनीतिक चर्चा के केंद्र में हैं। इस बार महाराष्ट्र में कांग्रेस आचार्य का विरोध करने के चक्कर में फंस गई। आपको बता दें बागेश्वर धाम का दो दिवसीय दरबार महाराष्ट्र में लगना है। जिसके विरोध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एक पत्र महाराष्ट्र के सीएम को लिख दिया है। कि ये दरबार मुंबई में नहीं लगना चाहिए। ये अंधविश्वास फैलाने का काम करते हैं। जब एमपी कांग्रेस अध्यक्ष बागेश्वर धाम शास्त्री का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। इसी अंधविश्वास के विषय को लेकर एक मीडिया समूह ने नाना पटोले के पत्र को लेकर कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रिया ली। जिससे पार्टी के नेता बचाव की मुद्रा में आ गए।

कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने ही सबसे पहले धीरेंद्र शास्त्री का विरोध किया था। इन्होंने एमपी के 4 लाख करोड़ का कर्ज चमत्कार से माफ करने का तंज कसा था। आज इनसे बात करने पर बोले अलग-अलग लोगों का मत है। मेरा जो मत था वो व्यक्त कर दिया। कमलनाथ को लेकर सवाल पूछने पर कहा जरूरी नहीं कि समान मत हो। कांग्रेस में प्रजातंत्र है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले से पूछा गया तो बोले ‘हमारे यहां इसकी जरुरत नहीं है, यहां भी कथा पढ़ने वाले लोग हैं।’ कमलनाथ के साथ बागेश्वर धाम आशीर्वाद लेने गए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मैंनें सार्वजनिक मंच पर तो आकर कुछ नहीं कहा, हमें वहां का दौरा करना था और शास्त्री ने मिलने के लिए बुलाया भी था, तो चले गए। मैने कोई चमत्कार नहीं महसूस किया। कमलनाथ ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

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भाजपा ने ली चुटकी

कांग्रेस की इस बचाव वाली स्थिति पर भाजपा के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो सबसे अच्छा कोई जबाव दे सकता था तो खुद एमपी कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ही दे सकते थे। जो लोगों को गुमराह करते हैं। धर्म के नाम पर कांग्रेस कैसे एक राज्य में कुछ और दूसरे राज्य में कुछ करती है। बागेश्वर धाम का विषय पर्याप्त है देश को जानने के लिए कि कैसे कांग्रेस नाटक-नौटंकी करती है।

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