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Bhai Dooj 2025: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान, अभिजीत मुहूर्त में पूजा! भाई दूज पर बहनें करें ये खास काम, भर-भरकर बरसेगी कृपा

Bhai Dooj 2025 पर बहनों को अपने भाई की सलामती व तरक्की के लिए प्रार्थना करने की मान्यता है। इस दौरान बहनें अपने भाई के हाथ पर कलावा बांधते हुए मुंह मीठा कर इस पर्व को मना सकती हैं।

Bhai Dooj 2025
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Bhai Dooj 2025: प्रकाश पर्व दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला भाई दूज पर्व अबकी बार आज मनाया जा रहा है। आज के दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके हाथ में कलावा बांधती हैं और उन्हें मिठाई खिलाकर उत्सव मनाती हैं। भाई दूज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान और अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना चाहिए। इसके साथ ही सभी बहनों को अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनके तरक्की और लंबे उम्र की कामना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहनों पर इश्वरीय कृपा बरसती है और तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है।

ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान, अभिजीत मुहूर्त में करें पूजा!

गौरतलब है कि किसी भी खास अवसर पर स्नान-ध्यान के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त में पूजन करना चाहिए जिसका सार्थक असर पड़ता है। भाई दूज के दिन यानी आज 23 अक्टूबर की बात करें तो ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:45 से 05:36 तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:43 से दोपहर 12:28 तक है। इसी दौरान बहनें विधि-विधान से पूजन-पाठ कर अपने भाई की सलामती व तरक्की के लिए प्रार्थना कर सकती हैं।

लोकप्रिय पर्व Bhai Dooj 2025 पर बहनें करें ये खास काम

देश के विभिन्न हिस्सों में आज भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है। दिवाली के दो दिन बाद मनाए जाने वाले इस पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत से इतर दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले लोग इसे मनाते हैं। इस खास दिन पर बहनें अपने भाई की सलामती और तरक्की के लिए प्रार्थना करती हैं।

मान्यता है कि भाई दूज के दिन बहनों को अपने हाथों से बना हुआ खाना अपने भाई को खिलाना चाहिए। इसके अलावा बहनों को अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर हाथ में कलावा बांधना चाहिए। तत्पश्चात भाईयों की आरती उतारें और मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराएं। सनद रहे कि तिलक लगते समय भाई का मुख उत्तर या पूरब दिशा में हो। इससे इश्वरीय कृपा बरसती है और भाई के धन-धान्य, सुख, समृद्धि, ज्ञान, बुद्धि आदि में इजाफा होता है।

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