Noida News: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले सैकड़ों किसान कार्यकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉली और गाड़ियों के साथ सेक्टर-33 स्थित एआरटीओ का घेराव कर महापंचायत शुरू की। किसानों मांग कर रहे थे कि एनजीटी का नियम के अनुसार 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टरों को कबाड़ होने से बचाने, इनके चालान बंद किया जाये और भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, अनियमितताओं एवं अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किसानों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार को रोका जाये।
मौके पर पहुंचा भारी पुलिस फोर्स
महापंचायत शुरू होते ही बड़े अधिकरियों के साथ मौके पर भारी पुलिस फोर्स पहुंच गया। पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया तो पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई। एआरटीओ का घेराव कर महापंचायत करते किसान और एआरटीओ ऑफिस पर तैनात भारी पुलिस बल, मानो पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर गया।
भाकियू टिकैत का एआरटीओ पर एनजीटी का नियम और भ्रष्टाचार पर महापंचायत, ट्रैक्टर से पहुंचे सैकड़ों किसान, लगा जाम, लोग परेशान
किसानों और अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक pic.twitter.com/AY4019pEoB
— Sparsh Goel (@iam_SparshGoel) April 5, 2023
किसानों और अधिकारियों के बीच नोंकझोंक
एआरटीओ ऑफिस (Noida News) के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई है। दूसरी तरफ किसानों ने टेंट लगाया है। यहां से निकलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा था। जब पुलिस अधिकारियों ने जब उन्हें समझाने का प्रयास किया किसानों और अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
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‘नोएडा एक विकसित शहर है’
अधिकारियों का कहना है कि नोएडा एक विकसित शहर है जहां पर खेती किसानी नहीं होती है। इन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल यह लोग कमर्शियल एक्टिविटी के लिए कर रहे हैं जिन्हें नियमत: बंद किया जा रहा है और उनके चालान भी किए जा रहे हैं।
किसानों का ये है आरोप
किसानों का कहना है कि ट्रैक्टरों को सीज कर बिना वजह परेशान किया जा रहा है। परिवहन विभाग के अफसर सड़कों पर खड़े रहते हैं। किसानों के ट्रैक्टरों को रोककर सीज कर देते हैं। किसान खेती बाड़ी के काम में ट्रैक्टरों का इस्तेमाल करते हैं।
पैनल्टी रद्द करने की मांग
प्रदर्शनकारी किसान नेताओं का यह भी कहना है कि किसानों के ट्रैक्टर पर रॉयल्टी व टैक्स तक लागू नहीं होता, लेकिन आरटीओ के अधिकारियों ने सारे नियम दरकिनार कर कोरोना काल में पहले से परेशान किसान पर उनके ट्रैक्टर की कीमत से भी ज्यादा पांच से आठ लाख रुपये तक की पैनल्टी लगाकर उनकी परेशानी ओर बढ़ा दी है। ये पैनल्टी तुरंत रद्द की जाए।
चालान बंद करने की मांग
प्रदर्शनकारी किसानों 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टरों को कबाड़ होने से बचाने, इनके चालान बंद करवाने की मांग की। चेतावनी भी दी कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा। किसानों के प्रदर्शन के चलते यातायात डायवर्ट करना पड़ा इससे लोगों को परेशानी हुई।