Bihar Assembly Election 2025: भारत के पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पोते और बिहार की राजनीति के कद्दावर नेता विजय मिश्रा के बेटे ऋषि मिश्रा ने शुक्रवार को दरभंगा जिले की जाले विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा बिहार की राजनीतिक के युवा चेहरा रहे हैं। कुछ समय पहले तक महागठबंधन, खासकर कांग्रेस की ओर से खबरें आ रही थीं कि कांग्रेस ने जाले सीट से मोहम्मद नौशाद को उम्मीदवार बनाया है।
हालांकि, अब इस खबर पर विराम लग गया है। नौशाद की उम्मीदवारी की खबर से महागठबंधन के अन्य दल बेचैन हो रहे थे। अब नए उम्मीदवार की तलाश की गई है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर है। नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने से कुछ मिनट पहले, राजद के एक प्रमुख नेता ऋषि मिश्रा को महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया गया है। जो कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद जाले सीट पर अब मिश्रा बनाम मिश्रा के बीच दिलचस्प चुनावी जंग देखने को मिलेगी।
Bihar Assembly Election 2025: इस वजह से नौशाद को नहीं मिला टिकट
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने जाले विधानसभा सीट से मोहम्मद नौशाद को अपना प्रत्याशी बनाया था। लेकिन इसके पीछे एक पुराने विवाद ने आलाकमान को विचार बदलने पर मजबूर कर दिया। इन तमाम वजहों के मद्देनजर कांग्रेस ने मोहम्मद नौशाद को आखिरी समय में पर्चा भरने से मना कर दिया गया। अब उनकी जगह जाले से पूर्व विधायक रहे ऋषि मिश्रा ने महागठबंधन की ओर से नामांकन दाखिल किया है। मालूम हो कि मोहम्मद नौशाद का नाम पिछले कुछ महीनों से विवादों में रहा है। नौशाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान बिहार की राजनीति में चर्चा में आए थे। कथित तौर उनके मंच से प्रधानमंत्री की मां के लिए अपशब्द कहे गए थे। जिसके बाद कांग्रेस के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
जाले विधानसभा सीट: लंबी खींचतान के बाद राजद-कांग्रेस में सहमति
जाले विधानसभा सीट बीते कुछ चुनावों में चर्चा का केन्द्र रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस ने मशकूर अहमद उस्मानी को अपना प्रत्याशी बनाया था। इसे लेकर जदयू और भाजपा ने उसे आड़े हाथ लिया था। दरअसल, उस्मानी पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए जिन्ना की तस्वीर को कमरे के अंदर लगाने का आरोप लगा था। उस समय जिन्ना का महिमामंडन करने को लेकर देशभर में काफी बवाल भी हुआ था। इसका साइड इफैक्ट महागठबंधन पर पड़ा था। जाले के अलावा आसपास के विधानसभी सीट जिनमें केवटी, विस्फी, बेनीपट्टी सभी पर हार हुई। जाले से बीजेपी के जिबेश कुमार मिश्रा ने प्रचंड जीत दर्ज की थी।
इन वजहों को ध्यान में रखते हुए, महागठबंधन ने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के पोते ऋषि मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। जिनका जाले में एक लोकप्रिय और अच्छी तरह से जमीन से जुड़ा हुआ नेता के तौर पर पहचान हैं। जो विवादों से दूर रहते हैं, और बिहार की राजनीति में दिग्गज परिवार से संबंध रखने वाले विजय कुमार मिश्रा के बेटे हैं। ऋषि मिश्रा के अलावा उनके पिता विजय कुमार मिश्रा भी जाले से विधायक रह चुके हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जाले में जीबेश बनाम ऋषि
बता दें कि विजय कुमार मिश्रा बिहार में एक प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 से 2020 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। वह पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा के सबसे बड़े पुत्र और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के भतीजे हैं। हालांकि, जाले में चुनावी लड़ाई अब दिलचस्प हो गई है। वर्तमान में, पिछले दो विधानसभा चुनावों से बड़े अंतर से चुनाव जीतने वाले एक प्रमुख भाजपा नेता जिबेश कुमार मिश्रा का अब महागठबंधन के ऋषि मिश्रा से सीधा मुकाबला होगा। गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।