Bihar Cabinet Meeting: चुनावी साल में बड़ा फैसला लेते हुए नीतीश सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए अपना प्लान पेश कर दिया है। बिहार कैबिनेट मीटिंग में 1 करोड़ नई नौकरी और रोजगार देने पर सरकार की मोहर लग गई है। युवाओं के लिए अवसरों के ये द्वार अगले 5 वर्षों में खोले जाएंगे। रोजगार के मोर्चे पर नीतीश कुमार की NDA सरकार को घेरने का काम कर रही विपक्ष के लिए Bihar Cabinet Meeting में लिया गया फैसला नींद उड़ाने वाला है। जहां एक ओर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी के साथ प्रशांत किशोर और मुकेश सहनी जैसे नेता सीएम Nitish Kumar को रोजगार के मोर्चे पर घेर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बिहार कैबिनेट द्वारा अगले 5 वर्षों में पांच करोड़ नई नौकरी और रोजदगार देने पर मोहर लगना, कई संभावनाओं की ओर इशारा कर रहा है।
1 करोड़ नई नौकरी देने पर Bihar Cabinet Meeting के दौरान लगी मोहर!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई बिहार कैबिनेट बैठक के दौरान युवाओं को साधने के लिए बड़ा फैसला लिया है। बिहार में बहार के तर्ज पर चुनावी साल में बहार नजर आ रहा है। बिहार युवा आयोग का गठन कर चुकी नीतीश सरकार ने अब अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ नई नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है। जहां एक ओर पलायन, बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार को घेरा जा रहा था। वहीं Bihar Cabinet Meeting के दौरान BJP-JDU सरकार का ये फैसला बेहद आकर्षक है। बिहार श्रम संसाधन विभाग के प्रस्ताव पर मोहर लगने के बाद नई नौकरी/रोजगार सृजन के लिए सभी संभावना एवं विकल्पों के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है।
बिहार कैबिनेट मीटिंग में हुए फैसले से उड़ी विपक्ष की नींद!
मालूम हो कि विपक्ष नीतीश सरकार को पलायन और बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर जमकर घेर रहा था। तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, पप्पू यादव, मुकेश सहनी समेत तमाम विपक्षी नेता लगातार NDA सरकार को इन मुद्दों पर कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इसी बीच Bihar Cabinet Meeting के दौरान श्रम संसाधन विभाग के 1 करोड़ नई नौकरी और रोजगार देने से जुड़े प्रस्ताव पर मोहर लगा दी गई है। दावा किया जा रहा है कि बिहार कैबिनेट के एक फैसले से विपक्ष चारों-खाने चित्त हो गया है और ज्वलंत मुद्दा उसके हाथ से निकल गया है। ऐन वक्त पर Nitish Kumar ने बड़ा फैसला लेते हुए विपक्षी रणनीति को मात दे दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि NDA सरकार की नई नीति का कितना असर विधानसभा चुनाव 2025 पर पड़ता है।