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Bihar SIR: ECI की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर शिवसेना (यूबीटी) ने साधा निशाना, कहा-‘अब उनकी पोल खुल गई है’, चुनाव आयोग ने दी यह अहम जानकारी

Bihar SIR: बीते कई दिनों से जारी वोट चोरी के सियासी घमासान पर रविवार को ECI ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी दलों को जवाब दिया। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जोरदार जुबानी हमला बोला।

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Photo Credit: Google, Bihar SIR

Bihar SIR: चुनाव में वोटों की चोरी का मसला पिछले कई दिनों से सबसे बड़ा सियासी मुद्दा बना हुआ है। लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों के बाद रविवार को दिल्ली में निर्वाचन आयोग ने बिहार एसआईआर को लेकर काफी अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। ऐसे में विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर तीखा राजनीतिक वार किया है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ईसीआई को घेरते हुए कई बड़े जुबानी हमले किए।

Bihar SIR पर हुई ECI की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर शिवसेना (यूबीटी) ने बोला तीखा हमला

चुनाव आयोग की बिहार एसआईआर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ‘ANI’ से कहा, ‘दिन-प्रतिदिन नए लोगों के नाम हटाए और जोड़े जा रहे हैं। अब उनकी पोल खुल गई है। हमने उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखी है और उन्होंने जो शब्द चुने वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। आज जनता में चुनाव आयोग के प्रति विश्वास की कमी है। जनता आपसे (चुनाव आयोग) से जरूर पूछेगी कि आप उनका विश्वास क्यों नहीं जीत पा रहे हैं। आप (चुनाव आयोग) सिर्फ भाजपा का विश्वास जीतने के लिए काम कर रहे हैं।’

बिहार एसआईआर पर CEC ज्ञानेश कुमार ने दी अहम जानकारी

उधर, Bihar SIR को लेकर सीईसी यानी मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई महत्वपूर्ण जानकारियों को शेयर किया। सीईसी Gyanesh Kumar ने कहा कि चुनाव आयोग और मतदाता सूची को लेकर जो भी आरोप लगाए हैं, वो सभी झूठे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्ञानेश कुमार ने विपक्षी दलों के आरोपों का खुलकर जवाब दिया। सीईसी ने कहा कि डबल वोटिंग और वोट चोरी के आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही मतदाता भयभीत हुआ है।

सीईसी ने अपने बयान में कहा कि चुनाव प्रक्रिया में 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी लगे, ऐसे में क्या इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में वोट चोरी हो सकती है? वहीं, सीईसी ने कहा कि बिहार मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की सूची सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 56 घंटे के भीतर अपलोड की गई है। इसके साथ ईसी ने बताया है कि वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों के पीछे जो कारण हैं, उन सभी को विस्तार से बताया गया है।

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