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Caste Census पर अंतत: बनी सहमति! CCPA बैठक में मोदी सरकार ने लगाई मुहर, अब आगे क्या रणनीति अपनाएगा धराशायी हुआ विपक्ष?

सधी हुई चाल चलते हुए मोदी सरकार ने Caste Census पर अंतत: मुहर लगा दी है। केन्द्र सरकार ने विपक्ष को धराशायी करते हुए बड़ा फैसला लिया है और जाति गणना को आगामी मूल जनगणना में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। ये एक ऐसा फैसला है जो विपक्ष को धराशायी करना नजर आ रहा है और उनके समक्ष मुद्दे कम पड़ते नजर आ रहे हैं।

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Caste Census
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Caste Census: लंबे समय से प्रतीक्षारत एक ऐसे निर्णय पर मोदी सरकार की मंजूरी मिली है, जो विपक्ष के लिए बड़ा सेटबैक है। तमाम चर्चाओं और बैठकों का दौर समाप्त होने के बाद मोदी सरकार की ओर से अंतत: कास्ट सेंसस पर सहमति व्यक्त की गई है। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति यानी CCPA की बैठक में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग पर मुहर लगाई गई है। मोदी सरकार ने Caste Census को मंजूरी देकर विपक्ष को एक बार फिर धराशायी कर दिया है। जाति जनगणना एक ऐसा मसला था जिस पर सपा, कांग्रेस, राजद, बीएसपी समेत अन्य तमाम विपक्षी दल BJP को घेरने का काम करते थे। पर अंतत: आज सरकार ने इस मसले पर विराम लगाते हुए जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल करने की मंजूरी दे दी है।

मोदी सरकार की Caste Census पर अंतत: बनी सहमति!

चर्चित रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने CCPA बैठक से जुड़ी ब्रीफिंग साझा करते हुए बड़ी खबर बताई है. रेल मंत्री ने स्पष्ट किया है कि कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। सरकार की ओर से कहा गया है कि सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखकर संविधान में स्पष्ट व्यवस्था के मद्देनजर रखते हुए ये फैसला लिया गया है। Caste Census को मिली मंजूरी एक ऐसा फैसला है जो सरकार के लिए कई मोर्चे पर लाभदायक साबित हो सकता है।

अश्विनी वैष्णव ने इस खास मौके पर कहा है कि “कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया। कुछ ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।”

कास्ट सेंसस को मंजूरी मिलने के बाद अब क्या करेगा विपक्ष?

समूचे देश में जाति गणना एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसको लेकर मोदी सरकार हमेशा घिरती रही है। एक वक्त तो केन्द्र सरकार ने सदन में स्पष्ट कर दिया था कि जाति गणना कराने का कोई इरादा नहीं है। इसके बाद बिहार से लेकर यूपी, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान तक विपक्ष ने केन्द्र को खूब घेरा था। हालांकि, अंतत: सरकार ने सधी कदम उठाते हुए Caste Census को मूल जनगणना में शामिल करने पर मुहर लगा दी है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष अब किन मोर्चों पर और कैसे सरकार को घेरता है।

CCPA बैठक में लिए गए अन्य बड़े फैसले

सरकार की ओर से कुछ अन्य बड़े फैसले भी लिए गए हैं। रेल मंत्री ने CCPA बैठक से जुड़ी ब्रीफिंग साझा करते हुए बताया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22864 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से शिलांग से सिलचर तक एक हाई-स्पीड कॉरिडोर राजमार्ग को मंजूरी दी है।

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि “चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह बेंचमार्क मूल्य है जिससे नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है।”

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