Shashi Tharoor: कांग्रेस में रहकर ही पार्टी नेताओं को चोट देने का काम भला शशि थरूर से बखूबी कौन कर सकता है। कई मौकौं पर मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ करने वाले शशि थरूर ने अब वंशवाद की राजनीति पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद ने अपने ताजा लेख में पाकिस्तान में भुट्टो-शरीफ, बांग्लादेश में शेख- जिया परिवार और श्रीलंका में भंडारनायके-राजपक्षे परिवार का उदाहरण पेश करते हुए वंशवाद की राजनीति को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया है।
टिप्पणीकारों की मानें तो शशि थरूर का लेख वंशवाद के बजाय प्रत्यक्ष तौर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना है। कांग्रेस सांसद का साफ तौर पर कहना है कि भारत में राजवंश की जगह योग्यता को अपनाया जाए। ये प्रकट तौर पर उन तमाम राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के लिए तंज है जो खुलकर वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। बीजेपी ने इस पूरे प्रकरण को लेकर चुटीले अंदाज में तंज कसते हुए कांग्रेस में अंदरखाने मचे सियासी हलचल पर प्रहार किया है।
वंशवाद की राजनीति पर Shashi Tharoor का करारा प्रहार!
बगावती रुख अपना चुके कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने ही आलाकमान को निशाने पर ले लिया है। सांसद थरूर ने उसी वंशवाद की राजनीति पर हमला बोला है जिसकी जड़े कांग्रेस से जुड़ी हैं। शशि थरूर ने अपने ताजा लेख में लिखा है कि “अब भारत में राजवंश की जगह योग्यता को अपनाया जाए। इसके लिए कानूनी रूप से अनिवार्य कार्यकाल सीमा लागू करने से लेकर सार्थक आंतरिक पार्टी चुनावों की आवश्यकता तक पर जोर देना होगा। इसके साथ ही मतदाताओं को योग्यता के आधार पर चुनाव करना होगा। “
वंशवाद की राजनीति को भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए शशि थरूर लिखते हैं कि “वंशवाद केवल कुछ ही परिवारों तक सीमित नहीं है। बल्कि गांव से लेकर देश के सबसे बड़े पदों तक फैला हुआ है। ऐसी राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है।” इस दौरान शशि थरूर ने ठाकरे परिवार, अखिलेश परिवार, पटनायक परिवार आदि का जिक्र किया है। हालांकि, वो मुखर तौर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम लेने से बचते नजर आए हैं।
टिप्पणीकारों की मानें तो शशि थरूर ने बस यूंही वंशवाद की राजनीति पर हमला बोला है। उनका असली निशाना कांग्रेस और गांधी परिवार ही है।
शशि थरूर के रुख पर बीजेपी की चुटकी
भारतीय लोकतंत्र में वंशवाद की राजनीति को लेकर शशि थरूर के रुख पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने चुटकी ली है।
शहजाद पूनावाला ने तंज भरे अंदाज में कहा है कि “शशि थरूर ने विस्तार से बताया है कि कैसे भारतीय राजनीति तेजी से पारिवारिक व्यवसाय बनती जा रही है। अपने लेख की शुरुआत कांग्रेस के प्रथम परिवार का ज़िक्र करके थरूर ने पर्दा उठा दिया है। इस तरह की बेबाकी कांग्रेस के भाई-भतीजावाद और नामदारों के ख़िलाफ बोलना, प्रथम परिवार जो परिवार को प्रदर्शन से ऊपर और वंशवाद को प्रतिभा और योग्यता से ऊपर रखता है। यह शशि थरूर का एक साहसी कार्य है। उन्हें याद होगा कि 7-8 साल पहले मैंने भी इसी तरह के मुद्दे उठाए थे, और हम सभी जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ था। मुझे पूरी उम्मीद है कि शशि थरूर के साथ भी ऐसा ही व्यवहार न हो।”
इस पूरे प्रकरण को लेकर अब सियासी गलियारों का तापमान बढ़ता नजर आ रहा है और चर्चाएं तेज हो रही हैं।






