Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है। सोमवार के ताजा आंकड़ों को देखें, तो अभी भी एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक बना हुआ है। यह बहुत खराब कैटेगरी में आता है। सीपीसीबी यानी केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक, राजधानी की हवा में थोड़ा सुधार हुआ है। मगर फिलहाल 300 से ऊपर बना हुआ है, जो कि रविवार की तुलना में मामूली सा कम है। ऐसे में दिल्लीवासियों को सांस लेने में काफी परेशानी महसूस हो रही है।
Delhi Air Pollution से मुश्किल हुआ सांस लेना
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ है। इनमें वजीरपुर में 385, नरेला में 382, आनंद विहार में 371, बवाना में 371, बुराड़ी में 384, मुंडका में 343 और रोहिणी में 363 मापा गया। सीपीसीबी ने बताया है कि आने वाले दिनों में राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर काफी खराब श्रेणी में ही रह सकता है। ऐसे में साफ है कि आने वाले कुछ दिनों तक लोगों को राहत मिलने का कोई अनुमान नहीं है।
सीपीसीबी के स्टैंडर्ड मानकों के मुताबिक, 0 से 50 के बीच एक्यूआई को “अच्छा”, 51-100 को “संतोषजनक”, 101-200 को “मीडियम”, 201-300 को “खराब”, 301-400 को “बहुत खराब” और 401-500 को “गंभीर” माना जाता है।
दिल्ली वायु प्रदूषण बढ़ने का क्या कारण है?
‘India Today’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक दिल्ली में इस आधिकारिक तौर पर कोई भी दिन ‘बहुत खराब’ हवा वाला दिन रिकॉर्ड नहीं किया गया है, लेकिन उम्मीद है कि इस हफ्ते ऐसा हो सकता है। पिछली बार ऐसी रीडिंग 23 दिसंबर 2024 को दर्ज की गई थी, जब एक्यूआई 406 था।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि रविवार को शाम और रात के समय उत्तर-पश्चिम से हवा की स्पीड 8 किलोमीटर प्रति घंटे से कम हो गई, जिससे हवा में प्रदूषण का फैलाव कम हो गया है। ऐसी स्थिति में काफी लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। साथ ही लोगों के फेफड़ों पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है। मालूम हो कि बीएस-3 या उससे कम एमिशन मानकों वाले दिल्ली के बाहर की पंजीकृत कमर्शियल वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।






