Delhi Assembly Election: डीएनपी इंडिया राजधानी दिल्ली के सियासी समीकरण को समझाने और आसान भाषा में बताने के लिए लगातार ग्राउंड पर मौजूद है। दिल्ली एसेंबली इलेक्शन के जारी मतदान के बीच रिपोर्टर राहुल चौधरी आज सीमापुरी की नंदनगरी में स्थित एक पोलिंग बूथ पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मतदान कर लौटे मतदाताओं से बात कर राजधानी के माहौल को समझने की कोशिश की है। मतदाताओं ने प्रमुख रूप से Delhi Assembly Election में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मतदान किया है। वोटर्स के मिजाज के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में लड़ाई कांटे की है। AAP और BJP के बीच चल रही कांटे की टक्कर में कांग्रेस भी कहीं-कहीं अपनी उपस्थिति दर्शा रही है। तो चलिए हम आपको ‘डीएनपी इंडिया’ के ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली एसेंबली इलेक्शन का समीकरण बताने की कोशिश करते हैं।
Delhi Assembly Election में किस करवट बैठेगा सत्ता का ऊंट?
सुरेश कुमार नामक एक मतदाता ने सुबह-सुबह अपने मताधिकार का प्रयोग कर मतदान किया। डीएनपी की ओर से ग्राउंड पर तैनात रिपोर्टर राहुल चौधरी से बात करते हुए उन्होंने अपने हिस्से का पक्ष रखा है। दिल्ली एसेंबली इलेक्शन को लेकर उनका कहना है कि “अच्छे विकास के लिए हमने मतदान किया है। यहां गलियां सब टूटी पड़ी हैं और चहुं-ओर नसेड़ी घूम रहे हैं।” एक बुजुर्ग महिला भी अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर मतदान कर पोलिंग बूथ से निकलीं। उनका कहना है कि “जो बढ़िया है वही आएगी। जो चल रहा है वो सरकार बढ़िया है।”
अनिता नामक महिला मतदान कर कहती हैं कि “जो चल रहा है यही ठीक है। हमें बिजली-पानी समेत तमाम मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं।” अधेड़ उम्र के एक शख्स ने Delhi Assembly Election के लिए मतदान कर कहा कि “अभी बढ़िया चल रहा सब कुछ। ऐसे ही चलते रहना चाहिए। जो सरकार आए विकास को रफ्तार दे।” सीलमपुर में मतदाताओं से की गई इस बातचीत से स्पष्ट है कि मुकाबला एकतरफा कत्तई नही है। AAP और BJP इस कड़ी लड़ाई में एक-दूसरे के समक्ष खड़ी है।
विकास के मुद्दे पर क्या है मतदाताओं की राय?
रिपोर्टर राहुल चौधरी ‘डीएनपी इंडिया’ की ओर से लगातार दिल्ली के सियासी समीकरण को समझने के लिए ग्राउंड जीरो पर हैं। उन्होंने मतदाताओं के नब्ज टटोले, उनसे बाचतीच की और अपना अनुभव सांझा किया है। उनका कहना है कि “दिल्ली के मतदाता विकास के मुद्दे पर एकजुट हैं। चका-चौंध से भरे शहरी इलाकों में मतदाताओं के बीच रुख स्पष्ट करने को लेकर एक चुप्पी है। वे विकास के मुद्दे पर वोट देने की ठान चुके हैं। झुग्गी-झोपड़ी वालों ने भी अबकी बार सधी चाल चलते हुए पत्ते नहीं खोले हैं। AAP-BJP के साथ कांग्रेस इन मतदातादाओं को रिझाने में लगी है। ऐसे में Delhi Assembly Election में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठेगा, ये स्पष्ट कर पाना बेहद कठिन है। इसके लिए 8 फरवरी यानी मतगणना के दिन का इंतजार करना होगा, फिर स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।”