Delhi CM Candidate: दिल्ली की सियासी धरा पर दिल्ली सीएम कैंडिडेट का चुनाव करना BJP के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की ओर से तरुण चुग ने कहा है कि 20 फरवरी, गुरुवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा। हालांकि, शपथ ग्रहण की टाइमिंग क्या होगी इसके लिए अभी इंतजार करने को कहा गया है। बड़ा सवाल है कि Delhi CM Candidate कौन होगा? BJP के पास कई नेता हैं। सभी अपने-अपने हिस्से की जद्दोजहद और सांगठनिक पैठ लगाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल करना चाहते हैं। तो चलिए हम आपको उन प्रमुख नेताओं के नाम बताते हैं जो सही मायने में दिल्ली सीएम की रेस में शामिल हैं।
BJP किस नेता को बना सकती है Delhi CM Candidate?
19 फरवरी को दिल्ली में बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी। सियासी मौसम से धुंध छंट जाएगा और विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। फिलवक्त सवाल है कि बीजेपी किस नेता को दिल्ली सीएम कैंडिडेट बना सकती है। सीएम कैंडिडेट के लिए प्रथम दृष्टया प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, विजेन्द्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय समेत कुछ अन्य नेताओं के नाम पर संभावना जताई जा रही है। कई सियासी टिप्पणीकार मनोज तिवारी, बांसुरी स्वराज व हर्ष मल्होत्रा जैसे सांसदों के नाम पर भी जोर दे रहे हैं। हालांकि, इसकी संभावना कम है कि बीजेपी Delhi CM Candidate के लिए विधायकों को छोड़ सांसदों के नाम पर बाजी लगाए। हालांकि, राजनीति संभावनाओं का खेल है। ऐसे में यहां किसी भी संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। फिलहाल सबकी निगाहें BJP विधायक दल की बैठक पर टिकी हैं, जिसके बाद स्थिति खुद-ब-खुद स्पष्ट हो जाएगी।
दिल्ली सीएम कैंडिडेट के ऐलान पर AAP का कटाक्ष
पूर्व मंत्री गोपाल राय ने Delhi CM Candidate को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच बीजेपी पर कटाक्ष किया है। AAP नेता का कहना है कि “इस देश में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग पार्टियों की सरकारें बनी हैं लेकिन पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है कि बारात तैयार है, मंडप भी तैयार है, लेकिन दूल्हा कौन होगा यह किसी को नहीं पता। बीजेपी अभी तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर पाई है या कोई बड़ा राज है जिसे छिपा रही है। आमतौर पर परंपरा रही है कि चुनाव के बाद जो भी पार्टी सत्ता में होती है, वह अपनी बैठक करती है। विधायक दल की बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाता है जो मुख्यमंत्री पद का दावेदार होता है। उसके बाद शपथ की तारीख दी जाती है। लेकिन यहां सब उल्टा है।”