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Red Fort Blast: दिल्ली लाल किला कार ब्लास्ट केस में पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज किया केस, जानें क्या होती है ये धारा और कितने दिनों की मिलती है सजा

Red Fort Blast: बीते सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर एक हुंडई i20 कार में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इसमें नौ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। विस्फोट के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

Delhi Red Fort Blast Updates
Delhi Red Fort Blast Updates

Red Fort Blast: सोमवार (10 नवंबर) को दिल्ली में हुए भीषण कार ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने राजधानी में अलर्ट जारी कर दिया है। इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने ऐतिहासिक लाल किले को अगले तीन दिनों तक आम जनता के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया है। दिल्ली के लाल किले इलाके में बीते सोमवार शाम 6 बजकर 52 मिनट पर मेट्रो स्टेशन के नजदीक सफेद रंग की हुंडई i20 कार में हुए भीषण विस्फोट में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। 20 अन्य घायल बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में चल रहा है।

बता दें कि विस्फोट के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बीच, लाल किला ब्लास्ट के मामले में कोतवाली थाने में पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 सहित विस्फोटक अधिनियम व बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। ये यूएपीए धारा क्या हैं? आइए यूएपीए के इन धाराओं के बारे में विस्तार से जानें।

क्या होती है यूएपीए धारा? – Red Fort Blast

गौरतलब है कि दिल्ली लाल किला ब्लास्ट मामले में पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16 और 18 के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम और बीएनएस की विभिन्न धाराओं के साथ मामला दर्ज किया है। दरअसल, यूएपीए आतंकवादी कृत्यों और आतंकवाद का समर्थन करने के लिए सजा से संबंधित है। पुलिस ने घटना में विस्फोटकों के अवैध कब्जे और उपयोग से संबंधित विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 को भी लागू किया है।

इसके अलावा अधिकारियों ने ब्लास्ट के कारण हुई मौतों और चोटों को कवर करते हुए हत्या और हत्या के प्रयास के प्रावधान भी जोड़े हैं। यूएपीए की धारा 16 में ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए जुर्माने के साथ आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। हालाँकि, धारा 18 आतंकवादी कृत्य की योजना बनाने, साजिश रचने या सहायता करने पर केंद्रित है। इसके अनुसार, जो कोई भी आतंकवाद में सहायता करता है, सलाह देता है, उकसाता है या तैयारी करता है, उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।

दिल्ली ब्लास्ट: कैसे हुआ हादसा?

मालूम हो कि 10 नवंबर की शाम 6:52 बजे राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर एक हुंडई i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। इस धमाके में कुछ राहगीर घायल हो गए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। आधिकारिक तौर पर नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 20 अन्य घायल हुए हैं, जिन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलने के दस मिनट के भीतर ही दिल्ली क्राइम ब्रांच और दिल्ली स्पेशल ब्रांच की टीमें घटनास्थल पर पहुँच गईं और स्थिति को नियंत्रित करने के बाद बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया।

इसके कुछ ही मिनटों बाद, एनएसजी और एनआईए की टीमें, एफएसएल के साथ मिलकर घटनास्थल पर गहन जाँच करती नज़र आईं। अधिकारियों ने आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरों की जाँच के आदेश दिए हैं। इसके बाद, दिल्ली लाल किला ब्लास्ट से जुड़ी सभी संभावित संभावनाओं की जाँच की जा रही है।

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