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DGMO Meeting: Pakistan के करार पर कितना भरोसा कर सकता है भारत? पहले भी पलट कर खंजर मार चुका है पड़ोसी मुल्क; जानें अतीत की घटनाएं

दोनों देशों के बीच जारी DGMO Meeting से पहले अतीत की तमाम घटनाओं का जिक्र हो रहा है। सवाल है कि भारत, आतंक के आका पाकिस्तान के किसी भी करार पर भरोसा कैसे कर सकता है? पाकिस्तान वो मुल्क है जो अतीत में 1965, 1971 और फिर 1999 में पीठ में खंजर घोंप कर बुरी तरह से हार चुका है। ऐसे में इस डीजीएमओ वार्ता का हासिल क्या होगा इस पर सबकी निगाहें हैं।

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DGMO Meeting
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

DGMO Meeting: सीजफायर ऐलान के बाद भारत-पाकिस्तान के मध्य डीजीएमओ मीटिंग का दौर प्रारंभ हो चुका है। इस संबंध में ब्रीफिंग दोपहर 2:30 बजे जारी की जाएगी। इस डीजीएमओ मीटिंग से पहले बड़ा सवाल है कि भारत, Pakistan के करार पर कितना भरोसा कर सकता है? ये वो मुल्क है जो कहते कुछ और हैं और फिर मुड़कर खंजर घोंपने का काम करते हैं। यही वजह है कि DGMO Meeting को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। अतीत की उन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है जब Pakistan ने अपने करार से इतर पलट कर भारत के पीठ में खंजर घोंपा था। कारिगल वॉर, 1965 और 1971 का युद्ध उसका साक्षात उदाहरण है। तो आइए हम आपको ऐसे ही कुछ अतीत की घटनाओं का जिक्र कर बताते हैं कि कैसे पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबो के साथ पलट कर खंजर से वॉर करता रहा है।

पहले भी पलट कर भारत की पीठ में खंजर मार चुका है पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान

उस दौर को जब याद करेंगे तो आंखें गुस्से से लाल हो सकती है। सबसे पहले बात 1965 में हुए युद्ध की करते हैं जब पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर के तहत कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश की थी। उस समय भारत ने पाक को घुटने पर ला दिया था और अंतत: 23 सितंबर 1965 को दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ। पर सीजफायर का असर क्या हुआ? पाकिस्तान ने फिर अपनी नापाक साजिशें दिखाई और दोनों तरफ से गोलीबारी जारी है। फिर 1971 में जब बांग्लादेश, पाकिस्तान से अलग हुआ और पड़ोसी मुल्क की ग्लोबल बेइज्जती हुई, तब सीजफायर का ऐलान हुआ। हालांकि, ये नहीं माने और इसका उल्लंघन बार-बार करते रहे। हद तो तब हुई जब 1999 में परवेज मुशर्रफ भारत आए और तमाम प्रस्तावों व समझौते के बाद पड़ोसी मुल्क ने कारगिल वॉर को अंजाम दे दिया। ऐसे में पाकिस्तान की करार पर भरोसा कैसे किया जाए।

सीजफायर ऐलान के बाद DGMO Meeting का दौर जारी!

दुनिया में तब खलबली मची जब 10 मई की देर शाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के मध्य सीजफायर को लेकर बड़ा दावा किया। इसके बाद भारत ने भी इस दावे की पुष्टि की और बताया कि दोनों तरफ से डीजीएमओ स्तर की वार्ता के बाद सीजफायर पर सहमति बनी है। हालांकि, इस वार्ता का कोई असर नहीं हुआ और कुछ ही घंटे के अंदर पाकिस्तान ने फिर गोलीबारी शुरू कर दी। भारत ने भी इसका माकूल जवाब दिया और दुश्मनों की ईंट से ईंट बजा दी।

ऐसे में जब पहले DGMO Meeting के बाद दुश्मनों ने फैसले को ताख पर रख सीजफायर का उल्लंघन कर दिया, तो अब दूसरे मीटिंग के दौरान क्या होगा? ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल, खबर है कि दोनों देश के शीर्ष अधिकारियों के बीच वार्ता का दौर जारी है और दोपहर 2:30 बजे इस संंबंध में ब्रीफिंग सामने आएगी जिसके बाद चीजें स्पष्ट हो सकेंगी।

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