Dhirendra Krishna Shastri: ‘मैं हिन्दू हूँ हिंदुत्व की बात करूंगा।’ ऐसा कहने वाले शख्स हिंदू युवाओं से लेकर पुरुष, महिला और बुजुर्गों के बीच खास लोकप्रियो हो चुके हैं। यहां बात हो रही है बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की। दरअसल, महाकुंभ आयोजन के बीच धीरेन्द्र शास्त्री का एक बयान सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बना है। Dhirendra Krishna Shastri ने महाकुंभ मेला के लिए कूच करने वाले श्रद्धालुओं से खास अपील की है। उनका कहना है कि “जिस दिन महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालु हिंदू राष्ट्र के लिए डुबकी लगा देंगे, उस दिन भारत में हिंदू राष्ट्र का बिगुल बज जाएगा।” धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा कहा गया ये कथन अब सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। यूजर्स बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर के इस बयान पर जमकर चर्चा कर रहे हैं।
महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं से Dhirendra Krishna Shastri की खास अपील
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री ने महाकुंभ मेला जाने वाले श्रद्धालुओं से खास अपील की है। उन्होंने बीते दिनों जोधपुर में कहा कि “महाकुंभ जाने वाले लोग वहां साधु-संतों के दर्शन करें। त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएं और पुण्य के भागी बने। जिस दिन महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालु हिंदू राष्ट्र के लिए डुबकी लगा देंगे, उस दिन भारत में हिंदू राष्ट्र का बिगुल बज जाएगा।” Dhirendra Krishna Shastri ने कहा कि “प्रयागराज में आज लाखों साधु-संतों का मजमा लगा है। साधु-संत सनातन धर्म को जीवित रखने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में हमारा दायित्व भी बनता है कि साधु-संतों के संघर्ष को प्रणाम कर अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाई जाए।” धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर नई चर्चा छिड़ गई है। यूजर्स जमकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा की गई अपील को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
Maha Kumbh में रील्स बनाने वालों को धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का खास संदेश
धीरेन्द्र शास्त्री ने महाकुंभ मेला परिसर में रील्स बनाने वालों को खास संदेश दिया है। Dhirendra Krishna Shastri ने कहा कि “महाकुंभ को केवल रील्स में नहीं, बल्कि रियल लाइफ में देखा जाना चाहिए। रील्स के माध्यम से महाकुंभ को कुछ ही व्यक्तियों तक सीमित किया जा रहा है। यहां गलती उनकी है जो महाकुंभ के उद्देश्य को भटका रहे हैं। प्रयागराज में विदेशों से भी लोग आकर्षित होकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में भारतीय मूल के लोगों को मर्यादा बनाए रखते हुए पवित्र महाकुंभ में हिस्सा लेना चाहिए।”