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SIR: बंगाल, केरल ही नहीं, देश के इन राज्यों में भी बजा एसआईआर का बिगुल! चुनाव आयोग की खरी-खरी के बीच टीएमसी क्यों खोल रही मोर्चा? जानें डिटेल

SIR को लेकर चुनाव आयोग की ओर से आधिकारिक ऐलान हो गया है। इसके तहत आयोग के कर्मचारी 28 अक्टूबर से 7 फरवरी, 2026 के बीच बंगाल, केरल, यूपी, एमपी समेत कुल 12 राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।

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Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

SIR: सियासी गलियारों में फिर एक बार मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण से जुड़ी प्रक्रिया चर्चाओं में है। दरअसल, चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, यूपी, मध्य प्रदेश समेत देश के कुल 12 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।

बंगाल, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों के लिए एसआईआर का बिगुल बजने के बाद से सियासी खींचातानी तेज हो गई है। बंगाल की सत्तारुढ़ दल टीएमसी ने फ्रंटफुट से मोर्चा संभालते हुए कहा है कि अगर किसी वैध मतदाता या नागरिक का नाम काटने की कोशिश की गई, तो निश्चित रूप से प्रदर्शन होंगे। चुनाव आयोग की खरी-खरी के बीच टीएमसी का यूं फ्रंटफुट पर आना अब देशव्यापी चर्चाओं में है।

चुनाव आयोग की खरी-खरी के बीच टीएमसी ने खोला मोर्चा

बंगाल की सत्तारुढ़ दल तृणमूल कांग्रेस एसआईआर 2.0 को लेकर फ्रंटफुट पर है। पश्चिम बंगाल में चुनाव से पूर्व मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के ऐलान को लेकर टीएमसी की ओर से प्रतिक्रिया आई है। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने साफ तौर पर कह दिया है कि “अगर किसी योग्य मतदाता का नाम सूची से हटाया गया तो लोकतांत्रिक तरीके से विरोध होगा। टीएमसी पारदर्शी वोटर लिस्ट के पक्ष में हैं। अनियमितता होने पर दिल्ली में निर्वाचन आयोग का घेराव होगा।”

टीएमसी की ओर से आई ये प्रतिक्रिया साफ तौर पर दर्शाती है कि कैसे बंगाल में एसआईआर 2.0 को लेकर गतिरोध का माहौल है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसको लेकर साफ तौर पर कहा है कि संविधान के अंतर्गत सभी संवैधानिक संस्थाएं अपने दायित्व का पालन करती हैं। राज्य सरकारें भी वही करेंगी। संकेत साफ है कि चुनाव आयोग हर हाल में एसआईआर 2.0 को पूर्ण करेगा।

केरल, बंगाल समेत कुल 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर कराने की घोषणा

बगैर किसी लाग-लपेट के चुनाव आयोग ने एसआईआर 2.0 की घोषणा कर दी है। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि एसआईआर 2.0 अभियान के तहत अंडमान और निकोबार, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, गोवा, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात और मध्य प्रदेश में मतदाता सूची का पुनरीक्षण होगा।

ऐलान के तहत चुनाव आयोग 28 अक्तूबर से 3 नवंबर, 2025 तक प्रिंटिंग/ट्रेनिंग की प्रक्रिया पूर्ण करेगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर, 2025 तक घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएगा। तत्पश्चात 9 दिसंबर को ड्राफ़्ट इलेक्टोरल रोल जारी की जाएगी। आयोग इसके बाद आपत्ति दर्ज कराने के लिए 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक की तिथि घोषित की गई है। सुनवाई और सत्यापन 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026 तक होगा। अंतत: 7 फरवरी, 2026 को अंतिम इलेक्टोरल रोल जारी होगा जिसके बाद एसआईआर 2.0 की प्रक्रिया पूर्ण होगी।

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