Emergency: फ्लैशबैक में जाएं और भारतीय लोकतंत्र के काले अध्याय पर चर्चा ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। यहां बात राष्ट्रीय आपातकाल यानी इमरजेंसी के संदर्भ में हो रही है। तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने 1975 में इमरजेंसी घोषित करते हुए भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में बड़ा फैसला लिया था। इसके बाद आज 2025 यानी आपातकाल की 50वीं बरसी पर भी उनकी आलोचना करने से लोग नहीं कतराते हैं। Emergency की बरसी को जहां बीजेपी संविधान हत्या दिवस के रूप में मना रही है, वहीं कई ऐसे लोग हैं जो इस पर Congress का स्टैंड ढूंढ़ रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi की उस टिप्पणी के बारे में बताते हैं जब उन्होंने अपनी दादी पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की गलती को स्वीकारा था। हालांकि, राहुल गांधी ने भूत और वर्तमान परिवेश का जिक्र करते हुए RSS को आड़े हाथ लिया था।
आपातकाल से जुड़े सवाल पर Rahul Gandhi ने स्वीकारी थी अपनी दादी इंदिरा गांधी की गलती?
नई दिल्ली की वो सुबह भला कौन भूल सकता है जब नेता प्रतिपक्ष की एक स्वीकारोक्ति सुर्खियों का विषय बन गई थी। 2 मार्च 2021 के दिन नई दिल्ली में एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने इमरजेंसी को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने इमरजेंसी से जुड़े सवाल पर साफ तौर पर कहा था कि “पूर्व पीएम Indira Gandhi द्वारा लगाया गया आपातकाल एक गलती थी। उस दौरान जो भी हुआ वह गलत था। हालांकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया।”
Emergency से जुड़े सवाल पर Rahul Gandhi ने आगे RSS को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि “आज जो हो रहा है वो उससे भी बुरा है। आज RSS देश के संस्थानों में अपने लोगों की भर्ती कर रहा है। अगर हम भाजपा को चुनाव में हरा भी दें, तब भी हम संस्थागत ढांचे में उनके लोगों से छुटकारा नहीं पा सकेंगे।” राहुल गांधी ने ये बातें अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ ऑनलाइन चर्चा में के दौरान कही थीं जिसको लेकर खूब हो-हल्ला मचा था।
काला अध्याय Emergency की 50वीं बरसी पर जमकर चला प्रतिक्रियाओं का दौर!
चौक-चौराहों से लेकर गली-मोहल्लों तक आज हर जगह आपातकाल की 50वीं बरसी चर्चा का केन्द्र है। 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए इमरजेंसी को लोकतंत्र का काला अध्याय बताया जाता है। ऐसे में भला इस मुद्दे पर सियासत कैसे ना हो। बीजेपी समेत अन्य कई दक्षिणपंथी पार्टियां खुलकर कांग्रेस की मुखालिफत करती हैं। Emergency की 50वीं बरसी पर आज भी प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, नीतीन गडकरी से लेकर केन्द्र के तमाम शीर्ष सत्तारुढ़ दल के नेताओं ने आज कांग्रेस और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को निशाने पर लिया है। विभिन्न प्रदेशों के सीएम भी फ्रंटफुट पर आकर इंदिरा गांधी द्वारा घोषित की गई Emergency की आलोचना कर रहे हैं और कांग्रेस को निशाने पर ले रहे हैं।