INDIA Alliance: महाराष्ट्र से लेकर बंगाल, बिहार, यूपी तक झटके पर झटका खा चुकी ‘इंडिया अलायंस’ के आस्तित्व पर सवाल उठने शुरू हो चुके हैं। पूछा जा रहा है कि क्या इंडिया गठबंधन के आस्तित्व पर संकट आ गया है? क्या इंडिया गठबंधन निकट भविष्य में एक नजर आएगा? क्या Congress महाराष्ट्र से लेकर बिहार और बंगाल तक अकेले पड़ गई है? इस तरह के तमाम सवालों ने तब जन्म लिया जब Sharad Pawar और उद्धव ठाकरे गुट के सुर बदले नजर आए।
दरअसल, INDIA Alliance की मजबूत नींव माने जाने वाले शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने प्रतिद्वंदी रहे देवेन्द्र फडणवीस की तारीख कर दी। इसके बाद कयास लगाए गए कि निकट भविष्य में अजित पवार और शरद पवार एक होकर NDA का हिस्सा हो सकते हैं। वहीं शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र ‘सामना’ में भी सीएम Devendra Fadnavis की तारीफ के बाद सियासी पारा चढ़ता नजर रहा है। ऐसे में आइए हम आपको पवार गुट और ठाकरे गुट के बदले सुर के मायने बताने की कोशिश करते हैं।
‘इंडिया अलायंस’ में नेतृत्व पर उठे सवाल के बाद महाराष्ट्र से बंगाल तक अकेले पड़ी Congress!
महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनावी दौर के समापन के बाद ‘इंडिया अलायंस’ में नेतृत्व पर सवाल उठे हैं। ममता बनर्जी से लेकर लालू यादव, शरद पवार जैसे नेताओं ने नेतृत्व परिवर्तन पर हामी भर दी। इन सबके बीच INDIA Alliance में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रही कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है। पार्टी फिलहाल महाराष्ट्र से लेकर बिहार और बंगाल तक अकेले नजर आ रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की पार्टी देवेन्द्र फडणवीस की तारीफ कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस अकेले चुनावी नतीजों के खिलाफ आवाज उठा रही है। बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली RJD के हिसाब में चुनावी समीकरण सेट हो रहे हैं। बंगाल की स्थिति ऐसी है कि ममता बनर्जी INDIA Alliance को लीड करने की इच्छा व्यक्त कर चुकी हैं। कुलजमा स्थिति ये है कि काग्रेस बिहार से लेकर बंगाल महाराष्ट्र तक में अकेली नजर आ रही है।
Sharad Pawar और Uddhav Thackeray गुट के बदले सुर के क्या है मायने?
राजनीति संभावनाओं का खेल है और यही वजह है कि महाराष्ट्र में INDIA Alliance के प्रमुख नेता शरद पवार और उद्धव गुट के बदलते सुर के कई मायने बताए जा रहे हैं। ‘रिपब्लिक भारत’ की एक रिपोर्ट के अनुसार शरद पवार केन्द्र में अपनी बेटी सुप्रिया सुले को मंत्री बनाने के लिए इच्छुक हैं। इसके लिए बैकडोर से बातचीत चलने की संभावना भी जताई जा रही है। हालांकि, मुखर तौर पर पवार खेमा अभी भी ‘इंडिया अलायंस’ के साथ है। वहीं उद्धव ठाकरे और देवेन्द्र फडणवीस के बीच हुई मुलाकात के बाद मुखपत्र ‘सामना’ में बीजेपी सीएम की तारीफ छपना भी नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा कर रहा है। हालांकि, शिवसेना यूबीटी ने सभी कयासों का खंडन कर ‘इंडिया अलायंस’ के साथ बने रहने की बात की है। इन सबसे इतर ये देखना दिलचस्प होगा कि निकट भविष्य में विपक्षी गठबंधन की राजनीति में क्या नए समीकरण बनते है।
INDIA Alliance के आस्तित्व पर संकट!
गौरतलब है कि देश के विभिन्न राज्यों में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच इंडिया अलायंस के आस्तित्व पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली में कांग्रेस-आप के बीच टूट और फिर अब बिहार में तेजस्वी यादव द्वारा बनाए गए समीकरण कई राजनीतिक संभावनाओं की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि, फिर भी तब तक INDIA Alliance के आस्तित्व पर प्रश्न खड़ा करना जल्दबाजी होगी, जब तक कांग्रेस आधिकारिक रूप से कोई बड़ा ऐलान न करे।