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Goa Nightclub Fire Accident: वेंटिलेशन का अभाव, इमरजेंसी निकास की कम संख्या! 25 निर्दोषों की जान लेने वाले क्लब के अब खुल रहे भेद; एक्शन जारी

Goa Nightclub Fire Accident मामले में एक्शन का दौर लगातार जारी है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इस प्रकरण को लेकर गोवा सरकार तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर चुकी है। इसके अलावा कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है।

Goa Nightclub Fire Accident
Picture Credit: सोशल मीडिया

Goa Nightclub Fire Accident: मौज-मस्ती का उद्देश्य लिए क्लब पहुंचे दो दर्जन से अधिक लोगों की जिंदगी भीषण आग ने निगल ली। आलम ये हुआ कि अब अरपोरा में स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब के विषय में तहकीकात जारी है। खबरों की मानें तो नाइट क्लब में वेंटिलेशन का अभाव और इमरजेंसी निकास की कम संख्या होना इतनी बड़ी हताहत का कारण बना।

25 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले हत्यारे नाइट क्लब को लेकर धीरे-धीरे अब भेद खुल रहे हैं। प्रशासन की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित किया गया है। अगले एक सप्ताह में गोवा नाइट क्लब फायर एक्सीडेंट की जांच रिपोर्ट सामने आएगी जिसके बाद सारी तस्वीर साफ होगी।

25 निर्दोषों की जान लेने वाले क्लब के अब खुल रहे भेद

परत दर परत अब उस नाइट क्लब के भेद खुल रहे हैं जहां जलकर 25 निर्दोष लोगों की मौत हो गई और कई लोग झुलसने के बाद अस्पताल में जिंदगी-मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। जांच में सामने आया है कि दुर्घटनाग्रस्त क्लब के पास अग्निशमन विभाग का वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र तक नहीं था। इससे इतर क्लब का निर्माण लाइसेंस भी नहीं होने की खबर है।

यहां न तो फायर अलार्म प्रणाली थी और न ही ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर प्रणाली, धुआं निकलने की व्यवस्था और वेंटिलेशन का इंतजाम था।साथ ही कल्ब में इमरजेंसी एग्जिट की अपर्याप्त संख्या, इमरजेंसी प्रकाश व्यवस्था का अभाव और अग्नि-रेटेड दरवाजों का अभाव था जिसके कारण देखते ही देखते भीषण आग ने पूरे नाइट क्लब को आगोश में ले लिया और 25 निर्दोष लोग जलकर खाक हो गए।

दु:खद Goa Nightclub Fire Accident प्रकरण में एक्शन जारी!

भीषण आग लगने से हुई मौत के बाद शासन-प्रशासन की टीम सख्ती के साथ ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब फायर एक्सीडेंट में एक्शन ले रही है। अब तक गोवा सरकार के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर जांच को रफ्तार दी जा रही है। कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है।

सीएम प्रमोद सावंत ने दक्षिण गोवा के कलेक्टर, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के उप निदेशक और फोरेंसिक प्रयोगशाला के निदेशक की सदस्यता वाली एक जांच समिति गठित की है जो एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। गोवा सरकार का साफ तौर पर कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। सभी को जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है, जिसके बाद ताबड़तोड़ जारी एक्शन को रफ्तार मिलने की उम्मीद है।

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