Manmohan Singh: सियासी गलियारों में एक समाधि स्थल निर्माण को लेकर चर्चा तेजी से छिड़ी है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद पसरे शोक के बीच समाधि स्थल को लेकर BJP-Congress आमने-सामने है। दोनों राष्ट्रीय दल अपने-अपने हिस्से का तर्क रखते हुए मनमोहन सिंह को ससम्मान अंतिम विदाई देने की बात कह रहे हैं। BJP प्रवक्ता सुंधांशु त्रिवेदी का कहना है कि ‘पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बाद उनके सम्मान का राजनीतिकरण होता दिख रहा है।’ वहीं कांग्रेस के कई नेता केन्द्र की मोदी सरकार गंभीर आरोप लगाते हुए समाधि स्थल के लिए जगह न आवंटित करने पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको पूर्व पीएम डॉ. Manmohan Singh की समाधि के लिए जगह आवंटित करने को लेकर कांग्रेस के साथ बीजेपी का पक्ष भी बताते हैं।
Congress ने समाधि स्थल पर छिड़े संग्राम के बीच केन्द्र सरकार पर साधा निशाना!
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि ”जब किसी व्यक्ति का निधन हो जाता है, तो उसके साथ सारी दुश्मनी खत्म हो जाती है। लेकिन यहां राजनीति खेली जा रही है। मैं एक छोटा सा सवाल पूछता हूं, अगर अटल जी का अंतिम संस्कार किया जाए और कोई कहे कि स्मारक राजघाट पर नहीं बनेगा, कहीं और बनेगा, तो आपको कैसा लगेगा? यह मुद्दा किसी पार्टी का नहीं, बल्कि देश के इतिहास का है।”
समाधि स्तल पर छिड़े विवाद के बीच राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि “केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए था और घोषणा करनी चाहिए थी कि Manmohan Singh के लिए एक स्मारक बनाया जाएगा। मनमोहन सिंह 10 साल तक प्रधानमंत्री रहे हैं।”
पूर्व सीएम शिला दीक्षित के सुपुत्र और दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि “हमारे हिसाब से हमने जो मांग की है वह सही है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दिया है।”
कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने आरोप-प्रत्यारोप के बीच कहा है कि “यह बहुत दुखद है और इस विषय पर कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए। यह निंदनीय है कि जिस पीएम ने देश की सेवा की उनके लिए एक छोटी सी जगह भी नहीं आवंटित की जा रही है।”
क्या पूर्व पीएम Manmohan Singh के सम्मान का हो रहा राजनीतिकरण?
राज्यसभा सांसद और बीजेपी के प्रवक्ता सुंधाशु त्रिवेदी का कहना है कि “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद पूरा देश शोक में है। देश के आर्थिक विकास की आधारशिला रखने वाले व्यक्तित्वों को उचित सम्मान देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर कल कैबिनेट ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि Manmohan Singh की स्मृति में एक स्मारक और समाधि बनाई जाएगी। जो भी प्रक्रिया समय लगेगा, यह बात कांग्रेस पार्टी को बता दी गई है। कैबिनेट के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अवगत करा दिया। सरकार ने यह स्मारक बनाने का निर्णय लिया है और अब भूमि अधिग्रहण ट्रस्ट और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद, इसमें जो भी समय लगेगा, जितना भी समय लगेगा, यह काम हो जाएगा।”
सुंधांशु त्रिवेदी का कहना है कि “यह बहुत दुख की बात है कि कांग्रेस पार्टी जिसने कभी भी डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवनकाल में सम्मान नहीं दिया। आज उनकी मृत्यु के बाद भी उनके सम्मान का राजनीतिकरण होता दिख रहा है। डॉ मनमोहन सिंह, गांधी-नेहरू परिवार के बाहर के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 10 साल तक प्रधानमंत्री का पद संभाला। मैं ये भी याद दिलाना चाहता हूं कि Congress पार्टी ने नेहरू गांधी परिवार के बाहर के किसी भी प्रधानमंत्री को सम्मान नहीं दिया। कम से कम आज इस दुःख की घड़ी में राजनीति करना बंद कर देना चाहिए। जहां तक हमारी सरकार का सवाल है, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने दलीय भावना से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान दिया है। जिस तरह से डॉ मनमोहन सिंह जी के कार्यकाल में उनके साथ व्यवहार किया गया, देश के पास कुछ भी छिपा नहीं है।”