Omar Abdullah: दीवार फांदकर उमर अब्दुल्ला नक्शबंद साहब की दरगाह पर पहुंच गए और फातिहा पढ़ी। प्रसासन द्वारा उन्हें नजरबंद करने की तकनीक नहीं काम आई और वे अपनी सधी चाल से मजार-ए-शुहदा पहुंचने में कामयाब हो गए। समाचार एजेंसी एएनआई के एक्स हैंडल से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें सीएम उमर अब्दुल्ला को दरगाह की दीवार फांदते देखा जा सकता है। इस दौरान सुरक्षाकर्मी उनकी गतिविधि का अंदाजा भी नहीं लगा पाते हैं और पलक झपकते ही सीएम Omar Abdullah मजार-ए-शुहदा पर पहुंच जाते हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं। मालूम हो कि इससे पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने खुद को नजरबंद किए जाने का आरोप लगाते हुए इशारों-इशारों में एलजी मनोज सिन्हा पर हमला बोला था।
दीवार फांदकर मजार-ए-शुहदा पहुंच गए सीएम Omar Abdullah!
समाचार एजेंसी एक्स हैंडल से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें सीएम उमर अब्दुल्ला दीवार फांदकर मजार-ए-शुहदा पहुंचते नजर आ रहे हैं। सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री देखते ही देखते दीवार फांद गए और कब्रिस्तान पहुंचकर फातिहा की नमाज पढ़ी।
उससे पूर्व Omar Abdullah ने कहा था कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग कानून-व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी बताते हैं, उनके आदेश पर हमें कल फातिहा पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई। सुबह से ही सभी को नजरबंद कर दिया गया था। जब मैंने कंट्रोल रूम को बताया कि मैं यहाँ फातिहा पढ़ने आना चाहता हूँ, तो कुछ ही मिनटों में मेरे घर के बाहर बंकर लगा दिए गए। और वे रात के 12-1 बजे तक वहाँ रहे। आज मैं बिना किसी को बताए यहाँ आया था। आज भी उन्होंने हमें रोकने की कोशिश की। मैं जानना चाहता हूँ कि किस कानून के तहत मुझे रोका गया। वे कहते हैं कि यह एक आजाद देश है, लेकिन वे सोचते हैं कि हम उनके गुलाम हैं। हम किसी के गुलाम नहीं हैं। हम सिर्फ यहाँ के लोगों के गुलाम हैं।”
पुलिस पर सीएम उमर अब्दुल्ला के गंभीर आरोप!
फातिहा पढ़ने के लिए नक्शबंद साहब की दरगाह पर पहुंचे सीएम Omar Abdullah ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि “मुझे इसी तरह शारीरिक रूप से हाथापाई का सामना करना पड़ा, लेकिन मैं ज़्यादा मजबूत स्वभाव का हूँ और मुझे रोका नहीं जा सकता था। मैं कोई भी गैरकानूनी या अवैध काम नहीं कर रहा था। दरअसल, इन कानून के रखवालों को यह बताना होगा कि वे किस कानून के तहत हमें फातिहा पढ़ने से रोक रहे थे।”