Ladakh Protest: बीते दिन लद्दाख में हुई भारी हिंसा ने शहर में चिंता बढ़ा दी है। हालांकि पूरे इलाकों में बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है। 5 से अधिक लोगों के एक साथ इक्ट्ठा होने पर डीएम ने कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। इसके अलावा किसी भी धार्मिक आयोजन, रैली पर बिना अनुमति करने पर कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए गए है। मालूम हो कि भारी भीड़ ने बीते दिन लद्दाख में भारी हिंसा मचाई, जिसमे बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी गई, पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग के हवाले कर दिया। वहीूं अब इस मामले में लद्दाख के गवर्नर ने प्रतिक्रिया दी है। वहीं अब इस हिंसा का जिम्मेदार सोनम वांगचुक को बनाया जा रहा है।
Ladakh Protest के बाद एक्शन में दिखा प्रशासन
लद्दाख हिंसा के बाद अब प्रशासन भी एक्शन मोड में नजर आ रही है। डीएम द्वारा जारी आदेश के अनुसार लेह में हुई हिंसा के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। ज़िले में पाँच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। लेह में पूर्व लिखित अनुमति के बिना कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जा सकेगा। यानि यह साफ है कि हिंसा करने वाले पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा इस हिंसा में 4 लोगों के मौत की भी खबर है, साथ ही सरकारी संपत्तियों को भी जबरदस्त नुकसान हुआ है।
लद्दाख हिंसा पर क्या बोले गवर्नर
मालूम हो कि बांग्लादेश, नेपाल में हुए तख्तापलट का मॉडल ही लद्दाख हिंसा में अपनाया गया था,जिसके बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे। वहीं अब इस मामले में लद्दाख के गवर्नर कविन्द्र गुप्ता ने प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि “लोकतांत्रिक व्यवस्था में विरोध प्रदर्शन एक अधिकार है। हालाँकि, यह शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। पिछले दो दिनों से लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है और यहाँ हो रहे विरोध प्रदर्शन की तुलना बांग्लादेश और नेपाल में हो रहे विरोध प्रदर्शनों से की जा रही है।
इससे विरोध प्रदर्शन के पीछे किसी साज़िश की बू आ रही है। जब कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तैनात की गई, तो सीआरपीएफ के एक वाहन को आग लगा दी गई। विरोध प्रदर्शन के दौरान, डीजी के वाहन पर पथराव किया गया। अगर इस विरोध प्रदर्शन को नहीं रोका जाता, तो ये लोग (प्रदर्शनकारी) पूरे लेह शहर को बर्बाद कर देते। इस विरोध प्रदर्शन में लद्दाख के बाहर के लोगों की संलिप्तता की जाँच की जाएगी”। वहीं अब देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस हिंसा पर क्या कार्रवाई करती है।