Rahul Gandhi: याद कीजिए कैसे बीते कल गृह मंत्री अमित शाह ने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा को लेकर बयान दिया था। सोशल मीडिया पर गृह मंत्री की टिप्पणी को लेकर खूब फजीहत हुई। अब इसी फेहरिस्त में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का जवाब सामने आया है। व्यंगात्मक अंदाज में राहुल गांधी ने अमित शाह को करारा जवाब देते हुए कहा है कि “अंग्रेजी बाँध नहीं, पुल है और यही लोगों को रोजगार दिलाएगा।” Rahul Gandhi ने अमित शाह को करारा जवाब देते हुए RSS को भी लपेटा है। संघ सरचालक डॉ. मोहन भागवत का नाम लिए बगैर राहुल गांधी ने कहा कि BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे। अमित शाह की टिप्पणी के बाद नेता प्रतिपक्ष का ये जवाब तेजी से सुर्खियां बटोर रहा है।
गृह मंत्री Amit Shah की भाषाई टिप्पणी पर Rahul Gandhi का व्यंगात्मक अंदाज!
ताजा बयान देकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह की भाषाई टिप्पणी को लेकर व्यंगात्मक अंदाज में जवाब देते हुए RSS को भी लपेटा है।
नेता प्रतिपक्ष Rahul Gandhi ने कहा कहा है कि “अंग्रेजी बाँध नहीं, पुल है। अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है। अंग्रेजी जंजीर नहीं, जंजीरें तोड़ने का औजार है। BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें। आज की दुनिया में, अंग्रेजी उतनी ही जरूरी है जितनी आपकी मातृभाषा, क्योंकि यही रोजगार दिलाएगी, आत्मविश्वास बढ़ाएगी। भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है। हमें उन्हें संजोना है और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेजी सिखानी है। यही रास्ता है एक ऐसे भारत का, जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे।” राहुल गांधी की ये व्यंगात्मक टिप्पणी अब सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है।
पुस्तक विमोचन के दौरान अंग्रेजी भाषा को लेकर बड़ी बात बोल गए गृह मंत्री Amit Shah
चर्चित अधिकारी रहे आशुतोष अग्निहोत्री की पुस्तक ‘मैं बूंद स्वयं, खुद सागर हूं’ के विमोचन कार्यक्रम में गृह मंत्री Amit Shah भी शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि “इस देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आएगी। ऐसे समाज का निर्माण दूर नहीं है, केवल दृढ़ निश्चयी लोग ही बदलाव ला सकते हैं। मेरा मानना है कि हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति के रत्न हैं। अपनी भाषाओं के बिना हम सच्चे भारतीय नहीं हैं। अपने देश, अपनी संस्कृति, अपने इतिहास और अपने धर्म को समझने के लिए कोई भी विदेशी भाषा पर्याप्त नहीं हो सकती है।” गृह मंत्री की इस टिप्पणी के बाद घमासान छिड़ा और Rahul Gandhi समेत अन्य कई नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई।