Home ख़ास खबरें MP News: सुर्खियों में सौरभ शर्मा छापा कांड! लोकायुक्त में हुआ दर्जनों...

MP News: सुर्खियों में सौरभ शर्मा छापा कांड! लोकायुक्त में हुआ दर्जनों पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण, पढ़ें रिपोर्ट

MP News: मध्य प्रदेश में सुर्खियां बटोर रहे सौरभ शर्मा छापा कांड के बीच लोकायुक्त में 60 पुलिसकर्मियों का तबादला हुआ है। बता दें कि पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर भ्रष्टाचार से जुड़े कई गंभीर आरोप लगे हैं।

0
MP News
सांकेतिक तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले की जांच के दौरान लोकायुक्त पुलिस में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए हैं। पूर्व आरटीओ कांस्टेबल व रियल एस्टेट डेवलपर सौरभ शर्मा के खिलाफ चल रही जांच के बीच लोकायुक्त में 60 से अधिक अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। इस मामले में करोड़ों की नकदी, सोना और चांदी बरामद की गई है। लोकायुक्त में बीते तीन दिनों में दो अलग-अलग सूचियों के माध्यम से तबादले किए हैं। रविवार देर रात 28 अधिकारियों और इससे एक दिन पहले 34 अधिकारियों और 4 डीएसपी का तबादला किया गया।

पुलिस ने की करोड़ों की बरामदगी

सौरभ शर्मा छापा कांड में पुलिस ने करोड़ों की बरामदगी की है। इसमें सोना, नकदी और संपत्ति के कई दस्तावेज शामिल हैं। सौरभ शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के इस मामले में हुई छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बरामद सामान में 14 करोड़ नकदी और 40 करोड़ का सोना, 2 करोड़ की चांदी जैसे कीमती धातु सामलि हैं। इसके अलावा शुरुआती छापेमारी में 7.98 करोड़ की संपत्ति मिली, जिसमें 2.87 करोड़ नकद और 235 किलोग्राम चांदी शामिल है। ये चल संपत्ति की श्रेणी में आता है। बता दें कि भोपाल में एक लावारिस एसयूवी से 52 किलोग्राम सोने के बिस्किट और 11 करोड़ की नकदी बरामद हुए थे। इसके अलावा, अधिकारियों को रियल एस्टेट निवेश से जुड़े दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डेटा भी मिले हैं, जिनकी जांच जारी है।

आरटीओ कांस्टेबल से करोड़पति बनने की कहानी

सौरभ शर्मा की कहानी एक साधारण कांस्टेबल से भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे एक हाई-प्रोफाइल रियल एस्टेट डेवलपर तक पहुंचने की है। 2015 में अपने पिता के निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर भर्ती हुए शर्मा ने 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से अकूत संपत्ति जुटाई और अपने परिवार और करीबी सहयोगियों के नाम पर स्कूल और होटल जैसे व्यवसाय शुरू किए। अधिकारियों को संदेह है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर नकदी को कीमती धातुओं में बदल दिया ताकि जांच एजेंसियों की नजर से बचा जा सके।

इसके साथ ही, शर्मा द्वारा नियुक्ति के समय दिया गया एक विवादित शपथ पत्र भी सामने आया है, जिसने मामले को और गर्मा दिया है। इस शपथ पत्र में उन्होंने दावा किया था कि उनके परिवार में कोई अन्य सरकारी कर्मचारी नहीं है, जबकि उनके बड़े भाई सचिन शर्मा उस समय छत्तीसगढ़ में पीएससी के माध्यम से नौकरी कर रहे थे।

विपक्ष ने MP सरकार पर साधा निशाना

पूर्व आरटीओ कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर रेड होने के बाद हुए कई खुलासे को लेकर विपक्ष मोहन यादव की सरकार पर हमलावर है। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए हुए है। इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शर्मा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में छापेमारी के दौरान वित्तीय दस्तावेज, संपत्ति और इलेक्ट्रॉनिक डेटा जब्त किया गया।

Exit mobile version