Ajit Pawar: महाराष्ट्र में जारी सियासी उठा-पटक के बीच डिप्टी सीएम अजित पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है। कथित सरकारी जमीन घोटाले से जुड़े मामले में अजित पवार ने लगभग-लगभग अपने बेटे पार्थ पवार का बचाव किया है। डिप्टी सीएम ने साफ तौर पर कहा है कि पार्थ को जमीन सरकारी होने की जानकारी नहीं थी।
अजित पवार की ये प्रतिक्रिया ऐसे दौर में आई है जब महाराष्ट्र में विपक्ष की भूमिका निभा रही शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शप) उपमुख्यमंत्री के पद से उनका इस्तीफा मांग रहे हैं। कथित जमीन घोटाले में एक्शन होने की खबर भी है और विवादित 300 करोड़ रुपए का सौदा रद्द कर दिया गया है। इस पूरे मामले में पार्थ पवार का नाम उछलने से उनके पिता अजित पवार के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है।
हाई प्रोफाइल जमीन घोटाला मामले में Ajit Pawar ने किया बेटे पार्थ का बचाव
कथित रूप से सरकारी जमीन की खरीदारी में हुए घोटाला मामले में डिप्टी सीएम अजित पवार ने अपने बेटे पार्थ का बचाव किया है। अजित पवार का कहना है कि “पार्थ और उनके साथी दिग्विजय पाटिल को जमीन के सरकारी होने की जानकारी नहीं थी। इस जमीन की बिक्री का रजिस्ट्रेशन कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इस बात की जांच की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खारगे के नेतृत्व में हाई प्रोफाइल मामले की जांच हो रही है और एक महीने में रिपोर्ट सौंपी जाएगी।”
उपमुख्यमंत्री पवार ने ये भी कहा कि “मैंने किसी भी स्तर पर इस जमीन खरीदारी की लेन-देन के संबंध में कोई फोन कॉल, मदद या किसी तरह की भूमिका नहीं निभाई है।” अजित पवार ने साफ तौर पर कहा है कि इस सौदे को रद्द कर दिया गया है और जल्द ही जांच कर मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
इस्तीफे की मांग ने बढ़ाई अजित पवार की मुश्किलें
डिप्टी सीएम अजित पवार की मुश्लिकें बढ़ती नजर आ रही हैं। वो भले ही जमीन घोटाला मामले में किसी भी प्रकार की दखल से इंकार कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष जमकर उन्हें निशाने पर ले रहा है। देखते ही देखते कथित जमीन घोटाला की चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है।
राहुल गांधी ने भी इस प्रकरण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर लगे आरोपों के बाद नेता प्रतिपक्ष इसे एनडीए सरकार की विफलता बताते हुए सीएम फडणवीस के साथ केन्द्र सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। वहीं स्थानीय नेता भी बढ़-चढ़कर अजित पवार का विरोध करते हुए उनसे इस्ताफा देने की मांग कर रहे हैं।






