Maharashtra Politics: किसी शख्सियत के नाम पर छिड़ी जंग ने अब उसके कब्र की ओर से रुख कर दिया है। यहां बात हो रही है मुगल शासक रहे औरंगजेब की। दरअसल, महाराष्ट्र पॉलिटिक्स में Aurangzeb के कब्र पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। एक ओर VHP और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन हैं जो औरंगजेब की कब्र को औरंगाबाद के खुल्दाबाद से हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार का सख्त रुख भी नजर आया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का फ्रंटफुट पर जाकर मोर्चा संभालना Maharashtra Politics में कई संभावनाओं को जन्म दे रहा है। Congress प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल के साथ हिंदू संगठनों ने औरंगजेब प्रकरण को लेकर छिड़ी जंग में इशारों-इशारों में ही फडणवीस सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है।
मुगल शासक की कब्र को लेकर हिंदू संगठनों का अल्टीमेटम
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर अड़ गए हैं। इन दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब का मकबरा नहीं गिराए जाने पर बाबरी मस्दिज जैसी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। हिंदू संगठनों की स्पष्ट मांग है कि मुगल शासक औरंगजेब का मकबरा औरंगाबाद से हटाया जाए। फडणवीस सरकार ने इस अल्टीमेटम को मद्देनजर रखते हुए औरंगजेब की कब्र के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। आला अधिकारियों की पूरी टीम स्थिति की निगरानी में तैनात है।
Maharashtra Politics में औरंगजेब प्रकरण पर Congress का फडणवीस सरकार पर निशाना
नाम के बजाय अब औरंगजेब की कब्र पर छिड़ी सियासी जंग के बीच Congress प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल ने फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि “महाराष्ट्र में स्थिति तनावपूर्ण है और कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। किसान बिजली-पानी न मिलने से आत्महत्या कर रहे हैं। इन मुद्दों को छिपाने के लिए भाजपा हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे लेकर आती है। उन्होंने लोगों को पीएफ और पेंशन योजनाओं से हटाकर शेयर बाजार की ओर मोड़ दिया। अब 5 महीने में ही आम आदमी गरीब हो गया है। लोगों का ध्यान मुद्दों से हटाने के लिए उन्हें ऐतिहासिक विषयों में उलझाया जा रहा है। लोग इस बार उनके झांसे में आने वाले नहीं हैं। उन्हें असली मुद्दों पर चर्चा करनी होगी।” Maharashtra Politics में कांग्रेस नेता के इस बयान की चर्चा है। इसे पार्टी की ओर से फडणवीस सरकार के लिए अल्टीमेटम के तौर पर देखा जा रहा है।
बता दें कि इस पूरे प्रकरण की शुरुआत सपा विधायक अबू आजमी के एक बयान से हुई। उन्होंने औरंगजेब को महान राजा बताया, जिसके बाद छत्रपति शिवाजी को मानने वालों ने सपा विधायक पर निशाना साधना शुरू कर दिया। इसके बाद Maharashtra Politics में नए सिरे से बहस छिड़ी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ। अब देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार इस चुनौती से कैसे उभरती है।