Manish Kashyap: यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के टिकट पर चनपटिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। 2025 के बिहार चुनाव में जनसुराज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई है। ज्यादातर सीटों पर जनसुराज उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। हालांकि, मनीष कश्यप को 37172 वोट मिले हैं, वह 50366 वोटों से हार गए। कांग्रेस के अभिषेक रंजन ने 602 वोटों से यह सीट जीती हैं, उन्हें 87538 वोट मिले थे। भाजपा के उमाकांत सिंह 86936 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर मनीष कश्यप को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
Manish Kashyap का इलेक्शन लड़ने वालों को सलाह
इस बीच, यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप ने अपनी चुनावी हार के बाद एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में जो कहा, वह सुर्खियां बटोर रहा है और उसके राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इंटरव्यू में मनीष ने साफ तौर पर इशारा किया कि चुनाव लड़ने के लिए आर्थिक मजबूती जरूरी है। इस खबर में आवश्यकता की सीमा पर विस्तार से चर्चा की गई है, जो मनीष कश्यप ने समाचार पोर्टल ‘सिटी पोस्ट लाइव’ पर एक साक्षात्कार में कही हैं। इस इंटरव्यू में, चुनाव लड़ने के खर्च के बारे में पूछे गए सवाल का मनीष कश्यप ने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा, “अगर आपके पास खर्च करने के लिए 2-3 करोड़ रुपये नहीं हैं, तो चुनाव लड़ने मत आइए।”
दूसरा सवाल: “पार्टी का समर्थन हो तो भी?” जवाब में मनीष ने कहा, “अगर पार्टी का समर्थन हो, तो मैथिली ठाकुर विधायक बन जाएँगी। कोई भी विधायक बन सकता है। नारायण प्रसाद जैसे लोग विधायक बन सकते हैं।” तीसरा सवाल: “मनीष जी, अगर आप निर्दलीय होते, तो क्या आपको ज़्यादा वोट मिलते… झूठ मत बोलिए मनीष जी?” जवाब में मनीष कश्यप ने कहा, “मुझे नहीं पता क्या होता या नहीं होता। बस इतना पता है कि प्रशांत किशोर जी ने मुझे एक अच्छी टीम और अच्छा समर्थन दिया। मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ।”
प्रशांत किशोर की जन सुराज ने मनीष कश्यप को बनाया था उम्मीदवार
प्रशांत किशोर ने मनीष कश्यप को चनपटिया से टिकट दिया था। युवाओं के बीच अच्छी-खासी लोकप्रियता हासिल कर चुके मनीष कश्यप जीत से तो चूक गए, लेकिन 37000 से ज़्यादा वोटों के साथ अपनी पार्टी में सबसे ज़्यादा वोट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों में शामिल रहे। 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर प्रशांत किशोर के साथ आए मनीष कश्यप ने उम्मीदें ज़रूर जगाईं, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए। इससे देश-विदेश में उनके प्रशंसकों में निराशा है।
