IMD 150th Foundation Day: सटीकता के साथ मौसम पूर्वानुमान समेत मौसम से जुड़ी सभी जानकारी देने लिए जानी जाने वाली IMD का आज 150वां स्थापना दिवस है। आईएमडी 150th फाउंडेशन डे पर विभाग की ओर से खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान PM Modi की उपस्थिति में ‘मिशन मौसम’ लॉन्च कर, ‘Vision 2047’ दस्तावेज जारी किया गया है। IMD 150th Foundation Day पर लॉन्च हुए ‘मिशन मौसम’ और विजन 2047 दस्तावेज कई मायनों में खास हैं। आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
IMD 150th Foundation Day ‘मिशन मौसम’ की खासियत!
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आज आईएमडी 150th फाउंडेशन डे के अवसर पर ‘मिशन मौसम’ लॉन्च किया गया है। इसका खास उद्देश्य मौसम की भविष्यवाणी करने की तकनीक को बेहतर करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने की तैयारी करना है। आईएमडी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि IMD 150th Foundation Day के खास अवसर पर लॉन्च हुआ ‘मिशन मौसम’ पूर्वानुमान क्षमताओं में वृद्धि करेगा। इसका लक्ष्य भारत को ‘वेदर रेडी, क्लाइमेट स्मार्ट’ नेशन बनाना है।
आईएमडी महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि “एक या दो साल में पूर्वानुमान सटीकता में महत्वपूर्ण सुधार होगा और कोई भी स्थानीय गंभीर मौसम घटना अनभिज्ञ नहीं रहेगी। हमने मौसम और जलवायु की भविष्यवाणी में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए अगले एक साल, अगले 5 साल और 2047 तक के लिए एक योजना बनाई है।”
‘आईएमडी 150th फाउंडेशन डे’ पर PM Modi ने जारी किया ‘Vision 2047’ दस्तावेज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज IMD 150th Foundation Day पर ‘विजन 2047’ दस्तावेज जारी किया है। इस दस्तावेज का महत्व कई मायनों में खास है। इसकी मदद से भारत की मौसम और जलवायु सेवाओं को और मजबूत किया जा सकेगा। साथ ही वैश्विक मौसम और जलवायु ज्ञान को बढ़ाने और क्लाइमेट मॉडलिंग को बेहतर बनाने के लिए ‘Vision 2047’ में दर्ज रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
IMD के 150वें स्थापना दिवस पर क्या बोले PM Modi?
PM Modi ने आज सर्वप्रथम आईएमडी के 150वें स्थापना दिवस पर देखें स्मारक सिक्का और ‘विजन 2047’ दस्तावेज जारी किया है। उन्होंने IMD 150th Foundation Day के खास अवसर पर कहा कि “वैज्ञानिक संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार नए भारत के स्वभाव का हिस्सा है। पिछले 10 वर्षों में, आईएमडी के बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। डॉपलर मौसम रडार, स्वचालित मौसम स्टेशन, रनवे मौसम निगरानी प्रणाली और जिलेवार वर्षा निगरानी स्टेशनों जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरा लाभ मौसम विज्ञान को भी मिल रहा है। हमने भारत को जलवायु-स्मार्ट राष्ट्र बनाने के लिए मिशन मौसम भी शुरू किया है।”