Waqf Amendment Bill 2025: गहमा गहमी के बीच लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा का दौर जारी है। इसी बीच राजधानी दिल्ली की सड़कों से कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो इमरान प्रतापगढ़ी, असदुद्दीन ओवैसी, इमरान मसूद समेत उन तमाम नेताओं को खटक सकती हैं, जो वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में मोर्चा संभाले हुए हैं। दरअसल, दिल्ली में बुर्काधारी मुस्लमि महिलाओं ने सड़क पर उतरकर Waqf Amendment Bill 2025 का समर्थन किया है। महिलाओंं ने हाथ में पोस्टर लेकर पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को धन्यवाद दिया है। दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में मुस्लिम महिलाओं का वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में उतरना निश्चित रूप से असदुद्दीन ओवैसी, इमरान प्रतापगढ़ी और तमाम नेताओं के लिए बड़ा झटका है।
चर्चित Waqf Amendment Bill 2025 को मिला बुर्काधारी मुस्लिम महिलाओं का समर्थन!
विधेयक के समर्थन में आवाज गूंज रही है। खास बात यह है कि समर्थन की ये आवाज मुस्लिम समुदाय से आने वाली महिलाओं की है। एक ओर जहां AIMPLB के बैनर तले तमाम मुस्लिम संगठन वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 के खिलाफ मजबूती से विरोध कर रहे हैं, वहीं दिल्ली की महिलाएं पीएम मोदी को शुक्रिया बोल रही है। दिल्ली में Waqf Amendment Bill 2025 के समर्थन में उतरी महिलाओं के हाथों में ‘वक्फ संपत्ति की आमदनी उसके हकदार तक पहुंचाने के लिए शुक्रिया मोदी जी’ के बैनर देखे जा सकते हैं। बैनर में ‘वक्फ बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मोदी जी’ का भी जिक्र है।
भोपाल में भी मुस्लिम समाज से आने वाली बुर्काधारी महिलाओं ने वक्फ बिल का समर्थन किया है। मोदी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए मुस्लिम महिलाओं ने वक्फ बोर्ड में पिछड़े मुसलमानों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की बात कही है। इसका वीडियो एनडीटीवी के एक्स हैंडल से जारी किया गया है।
वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 के विरोध में डटे Imran Pratapgarhi और औवैसी जैसे नेताओं को बड़ा झटका
वो तमाम नेता जो वक्श संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें दिल्ली और भोपाल की सड़कों से आने वाली तस्वीरें परेशानी में डाल सकती हैं। एक ओर इमरान प्रतापगढ़ी, इमरान मसूद, असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता हैं, जो संशोधन विधेयक को मुस्लिम समाज के खिलाफ बता रहे हैं। उनका तर्क है कि Waqf Amendment Bill 2025 सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार देगा। वहीं दूसरी ओर महिलाएं मोदी सरकार के इस कदम को पिछड़े मुसलमान और महिलाओं के समर्थन में बता रही हैं। ऐसे में महिलाओं का खुलकर समर्थन में सामने आना, इमरान प्रतापगढ़ी, इमरान मसूद और ओवैसी जैसे नेताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।