Tuesday, April 29, 2025
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Waqf Amendment Bill के विरोध में क्यों अड़े AIMPLB, Congress और Asaduddin Owaisi? क्या BJP के पक्ष को समर्थन देंगे Nitish Kumar

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Waqf Amendment Bill: सियासी संग्राम का दौर जारी है और चौक-चौराहों से इतर राजनीतिक गलियारों में वक्फ बिल को लेकर चर्चा हो रही है। वक्फ अमेंडमेंट बिल को लेकर जारी काना-फूसी के बीच नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, जयंत चौधरी, चिराग पासवान जैसे नेताओं पर सबकी निगाहें हैं। वहीं AIMPLB, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता अपने-अपने हिस्से का तर्क पेश कर संशोधन बिल के खिलाफ अड़े हैं। दूसरी ओर BJP के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के तमाम घटक दल हैं। इनकी ओर से Waqf Amendment Bill के समर्थन में पक्ष दिए जा रहे हैं। NDA घटक दल संशोधन विधेयक की तारीफ में कसीदे गढ़ते हुए इसे अल्पसंख्यक समुदाय के हित में बता रहे हैं। ऐसे में आइए हम आपको बारी-बारी से बिल के विरोध और समर्थन वाले पक्ष के बारे में बताते हैं।

Waqf Amendment Bill के विरोध में क्यों अड़े AIMPLB, Congress और Asaduddin Owaisi?

संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का अपना तर्क है। AIMPLB उन तमाम राजनीतिक दलों से वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध करने की अपील कर रहा है जो धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते हैं। आज सदन में पेश होने वाले Waqf Amendment Bill को लेकर एआईएमपीएलबी का पक्ष है कि “यह विधेयक न केवल भेदभाव और अन्याय पर आधारित है बल्कि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों से संबंधित अनुच्छेद 14, 25 और 26 के सीधे खिलाफ़ भी है। इस विधेयक के ज़रिए वक़्फ़ क़ानून को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है। यदि यह संशोधन पारित हो गया तो वक़्फ़ संपत्तियों पर सरकारी और गैर-सरकारी अवैध दावों की बाढ़ आ जाएगी।”

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि “हम बहस में भाग लेंगे, संशोधन पेश करेंगे, हम बताएंगे कि यह विधेयक कैसे असंवैधानिक है। यह मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है, यह मुसलमानों को धर्मार्थ कार्यों से वंचित रखता है।”

कांग्रेस सांसद डॉ मल्लू रवि का कहना है कि “यह बिल मुसलमानों के हितों के खिलाफ है। यह बिल सिर्फ केंद्र सरकार और कलेक्टर की शक्ति को केंद्रीकृत करने के लिए लाया जा रहा है। हम इस बिल का पूरी तरह से विरोध करते हैं।”

जेपीसी सदस्य इमरान मसूद Waqf Amendment Bill को लेकर कहते हैं कि “हम चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन मैं आपको सच बताना चाहता हूं। सरकार बार-बार कह रही है कि मुसलमानों को कुछ नहीं होगा। लेकिन उन्होंने एक प्रावधान किया है कि कोई भी संपत्ति जो सरकारी संपत्ति है, जिसमें सरकार की हिस्सेदारी है, विवादित है, वह संपत्ति तब तक वक्फ नहीं मानी जाएगी जब तक कि उसकी जांच किसी नामित अधिकारी द्वारा न की जाए। विवादित संपत्ति वक्फ नहीं रहेगी।”

वक्फ अमेंडमेंट बिल पर क्या BJP के पक्ष को समर्थन देंगे Nitish Kumar?

तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। कल तक जो बातें सियासी गलियारों में चर्चा बटोर रही थीं, अब उन पर मुहर लग चुकी है। बिहार सीएम नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान, जयंत चौधरी, जीतन राम मांझी जैसे तमाम एनडीएम सहयोगी दल के मुखिया Waqf Amendment Bill के समर्थन मे हैं। JDU, TDP, आरएलडी, एलजेपी, हम जैसी राजनीतिक दलों की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर वक्फ अमेंडमेंट बिल को समर्थन देने की बात कही गई है।

वक्फ पर बनी जेपीसी के चीफ व बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल का कहना है कि “सरकार आज संशोधित रूप में विधेयक लेकर आ रही है। यह निश्चित रूप से एक ऐतिहासिक दिन है। आज इस विधेयक के पारित होने से गरीब मुसलमानों और आम लोगों को लाभ मिलने जा रहा है। हमने पिछले छह महीनों में जेपीसी की बैठकें की हैं। हमने विपक्ष को हर दिन 8 घंटे सुना है। चाहें वह हमारा विपक्ष हो या ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो रमजान में नमाज के दौरान मस्जिदों में काली पट्टी बांधने की अपील कर रहा है, वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।”

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

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