National Girl Child Day 2025: सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर आज बालिका सशक्तिकरण को लेकर खूब चर्चा छिड़ी है। नेशनल गर्ल चाइल्ड डे 2025, राष्ट्रीय बालिका दिवस आदि जैसे टर्म ट्रेंड का विषय बने हैं। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि बालिकाओं को सशक्त करने में हमारी सरकारें कितनी सफल हुई हैं। क्या यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों में बालिका सशक्तिकरण की तस्वीर बदली है। कहते हैं कि “बालिकाओं के तप-त्याग से ही समाज का कल्याण होगा और नए भारत का निर्माण होगा। ऐसे में आज 24जनवरी को National Girl Child Day 2025 के अवसर पर हम आपको केन्द्र से लेकर विभिन्न राज्य सरकारों की मुहिम और बालिका सशक्तिकरण के लिए उनके प्रयासों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
National Girl Child Day 2025 बालिका सशक्तिकरण के लिए केन्द्र की खास मुहिम
केन्द्र सरकार की ओर से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ जैसी योजनाएं देश के विभिन्न हिस्सों में संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा लाड़ली लक्ष्मी योजना और बालिका समृद्धि योजना पर भी जोर दिया जा रहा है। इसका खास उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देने बालिकाओं को सशक्त करना है। इसका असर ये है कि भारत में लिंगानुपात में सुधार दर्ज किया गया है। वर्ष 2024 में लिंगानुपात का आंकड़ा इस प्रकार है- 940 महिलाएं प्रति 1000 पुरुषों पर। तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अनुपात अधिक है। वहीं हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, यूपी जैसे राज्यो में भी तस्वीर बदलती नजर आ रही है।
MP-UP में बालिका सशक्तिकरण के लिए क्या-क्या कदम उठा रही सरकार?
मध्य प्रदेश और यूपी में जहां एक ओर केन्द्र की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को गति दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारें अपनी-अपनी योजनाओं को भी रफ्तार दे रही हैं। National Girl Child Day 2025 के अवसर पर हम आपके सब कुछ विस्तार से बताएंगे। मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ो अभियान, शौर्या दल जैसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं की मदद से MP की बालिकाओं को आर्थिक मदद दी जा रही है। बालिकाओं के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ शादी जैसे मौकों पर भी मध्य प्रदेश सरकार मदद मुहैया करा रही है।
उत्तर प्रदेश में भी केन्द्र की योजनाओं से इतर योगी सरकार की अपनी योजनाएं संचालित हो रही हैं. इसमें मुख्यमंत्री सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना, उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान योजना जैसी प्रमुख स्कीम हैं। इसके अलावा 181 महिला हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटर जैसी मुहिम भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में संचालित की जा रही हैं। योगी सरकार के इन प्रयासों का असर बालिका सशक्तिकरण पर पड़ा है। वर्ष 2024 में उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों पर 912 महिलाएं है।
Haryana, Rajasthan में कितनी बदली तस्वीर?
उत्तर भारत के उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्य में भी बालिका सशक्तिकरण की तस्वीर बदली है। हरियाणा की सरकार केन्द्र की योजनाओं के अलावा अपनी योजनाओं का संचालन भी कर रही है। इसमें मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजन, हरियाणा महिला समृद्धि योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी, लाडली पेंशन योजना जैसी स्कीम्स हैं। ये सभी योजनाएं बालिकाओं को वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर रही हैं। इसका असर ये है कि हरियाणा में लिंगानुपात का आंकड़ा 900 को पार कर 910 पर पहुंच गया है।
राजस्थान में भी केन्द्र की योजनाओं से इतर लाडो प्रोत्साहन योजना, राजश्री योजना, जन समुह बीमा योजना और मुख्यमंत्री एकलनारी सम्मान पेंशन योजना जैसी स्कीम संचालित हो रही हैं। इन सभी योजनाओं का सार्थक असर हुआ है। वर्ष 2024 में राजस्थान में लिंगानुपात 930 पर पहुंच गया है। ऐसे में बालिकाएं सशक्त हो रही हैं और तेजी से राज्य की तस्वीर बदल रही हैं।
उत्तराखंड में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ से इतर राज्य की कुछ अलग योजनाएं भी हैं। इसमें मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना और नंदा गौरी योजना जैसी स्कीम हैं। इन योजनाओं का सकारात्मक असर बालिका सशक्तिकरण पर हुआ है। आज राज्य की बालिकाएं सशक्त हो रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सफलता का परचम लहरा रही हैं।