रविवार, नवम्बर 23, 2025
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New Labour Laws: नए श्रम कानून की 5 बड़ी बातें, सैलरी, सेहत और ग्रेच्युटी पर आया भूचाल, कोई नहीं समझाएगा ये नया कैलकुलेशन

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New Labour Laws: श्रम से जुड़े 29 कानूनों को खत्म कर उसके बदले चार नए श्रम कानून को देशभर में लागू कर मोदी सरकार के मास्टरस्ट्रोक ने दुनिया भर का ध्यान भारत की तरफ खींचा है। केंद्र की मोदी सरकार ने श्रम सुधारों पर अब तक का सबसे बड़ा और अहम बदलाव किया है। 21 नवंबर से पहले, भारत में जो लेबर कानून थे, उनके बारे में कहा जाता है कि वे 1930 से 1950 के बीच के रहे हैं। पुराने श्रम कानून इकोनॉमी के लिए अच्छे नहीं थे, और गिग वर्कर, प्लेटफॉर्म वर्कर और माइग्रेंट वर्कर जैसे टर्म को लेकर कई सवाल उठते रहे थे। हालांकि, मोदी सरकार ने अब नए श्रम कानून में इन वर्करों के हितों का खास ध्यान रखा है। हालांकि, देश भर के श्रमिक संगठन नए लेबर कानूनों पर खुशी और विरोध दोनों दिखा रहे हैं।

New Labour Laws को लागू करने का उद्देश्य

नए श्रम कानून को देशभर में लागू करने को लेकर मोदी सरकार का पहला मकसद भारत में श्रमिक को लेकर कानून को आसान बनाना और वर्करों के लिए बेहतर सैलरी, सुरक्षा, सोशल सिक्योरिटी और भविष्य की भलाई सुनिश्चित करना है।

आईएलओ ने मोदी सरकार के प्रयास को सराहा

इन सबके बीच, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ. हुंगबो का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा भारत में नए श्रम कानून को लागू करने से सरकारी रोजगार प्रदाताओं और श्रमिकों के बीच सामाजिक सुरक्षा संवाद मजबूत होगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत के नए लेबर कानून में सोशल सिक्योरिटी और मिनिमम वेज रेट्स शामिल हैं, जिस पर वह दिलचस्पी से नज़र रख रहे हैं। इसका साफ़ मतलब यह है कि जहाँ दुनिया प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप वाली सरकार के फ़ैसले का स्वागत कर रही है, वहीं हमारे अपने ही देश में कई लोग नए लेबर कानून की खूबियों को समझे बिना ही उसके बारे में अपनी नाकारात्मक राय बनाने में लगे हुए हैं। इनसे संबंधित गूगल और दूसरे सर्च इंजन पर कई तरह की खबरें तैर रही हैं।

कर्मचारी को नियुक्ति पत्र और समय पर वेतन देना अनिवार्य

21 नवंबर को लागू हुए नए श्रम कानून के तहत, वर्कर्स को नियु्क्ति पत्र देना ज़रूरी होगा। सभी वर्कर्स को मिनिमम वेज प्रदान करना अनिवार्य है। समय पर सैलरी देना कानूनी होगा। केन्द्र की मोदी सरकार का तर्क है कि इस श्रम कानून के अंतर्गत नौकरी और बाद बाकी चीजों में ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी। मिनिमम वेज पूरे देश में लागू किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी कामगार की सैलरी इतनी कम न हो कि गुज़ारा करना मुश्किल हो जाए।

एक साल बाद ग्रेच्युटी का हक

नए श्रम कानून में गिग वर्क, प्लेटफॉर्म वर्क और एग्रीगेटर्स को लेकर कई सुविधा प्रदान की गई है। नया लेबर कानून फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को परमानेंट कर्मचारियों के बराबर सैलरी, छुट्टी, मेडिकल और सोशल सिक्योरिटी और पांच साल के बजाय सिर्फ एक साल बाद ग्रेच्युटी का हक प्रदान करता है।

सैलरी और सम्मान की गारंटी

नया श्रम कानून के तहत प्लांटेशन वर्कर्स, ऑडियो-विजुअल और डिजिटल मीडिया वर्कर्स, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जर्नलिस्ट्स, डबिंग आर्टिस्ट्स और स्टंट परफॉर्मर्स के साथ-साथ डिजिटल और ऑडियो-विजुअल वर्कर्स की सोशल सिक्योरिटी पर खास ध्यान देता है। इन सभी को अब नियुक्ति पत्र, समय पर वेतन, सुरक्षित काम के घंटे और ओवरटाइम पर डबल वेतन का अधिकार मिलेगा।

नए श्रम कानून पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज, हमारी सरकार ने चार लेबर कोड लागू कर दिए हैं। यह आज़ादी के बाद मज़दूरों लिए सबसे बड़े और प्रगतिशील सुधारों में से एक है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर आगे लिखा कि, “यह हमारे कामगारों को बहुत ताक़तवर बनाता है। इससे कम्प्लायंस भी काफ़ी आसान हो जाएगा और यह ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस‘ को बढ़ावा देने वाला है।”

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Rupesh Ranjan
Rupesh Ranjanhttp://www.dnpindiahindi.in
Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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