रविवार, अप्रैल 28, 2024
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Patna News: करोड़ों की आबादी में सिर्फ 400 लोगों के पास है ये रेयर ब्लड, बच्ची की जान बचाने महाराष्ट्र से आया शख्स

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Delhi News: राजधानी दिल्ली में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की ओर से मरीजों को उपलब्ध कराए जाने वाले इलाज के क्रम में बड़ा फैसला लिया गया है। खबरों की मानें तो 1 अप्रैल 2024 से मरीजों को इलाज के लिए किसी तरह की कैश लेनदेन की आवश्यतकता नहीं होगी।

Patna News: बिहार की राजधानी पटना एम्स से एक दिलचस्प और अच्छी खबर सामने निकल कर आ रही है। यहां एक बिहार कि 14 वर्षीय बच्ची की जान एम्स के डॉक्टर और  महाराष्ट्र से चलकर आए एक व्यक्ति ने जान बचा ली। अब आप सोच रहे होंगे, कि आखिर भला इसमें किसी आम व्यक्ति का क्या काम? तो बता दें बच्ची की जान शख्स ने ही बचाई है। उसने अपना ब्लड बच्ची को डोनेट किया। जिसके बाद पीड़ित बच्ची की जान बच सकी। जानकारी के मुताबिक बच्ची डेंगू से पीड़ित थी। उसे कुछ दिन पहले ही O  ग्रुप का ब्लड चढ़ाया गया था। ऐसे में तब उसकी हालत और बिगड़ गई थी। जब इसकी जांच हुई तो मालूम चला बच्ची का ब्लड रेयर ब्लड ग्रुप में आता है। जिसकी वजह से उसकी हालत बिगड़ गयी थी। 

इस केस में डॉक्टर भी हो गए हैरान 

बता दें कि पटना स्थित एम्स में 14 वर्षीय  अलीशा परवीन डेंगू से पीड़ित थी। उसकी हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। ऐसे में प्लेटलेट्स के लिए डॉक्टर्स ने सबसे सुरक्षित और सबसे अच्छा ब्लड ग्रुप O नेगेटिव चढ़ाया। ऐसे में उसकी हालत और बिगड़ने लगी।

अमूमन होता ये है, कि इमरजेंसी की स्थिति में लोगों को O नेगेटिव चढ़ाया जाता है। बता दें कि O नेगेटिव ब्लड ग्रुप  को ‘सर्वदाता’ कहा जाता है। यह ब्लड ग्रुप किसी को भी ब्लड दे सकता है, किन्तु ले नहीं सकता है। यह सिर्फ अपने ही ग्रुप के लोगों से खून ले सकता है। 

इधर हालत बिगड़ने पर बच्ची के खून की टेस्टिंग हुई। इस दौरान एम्स के डॉक्टर ने देखा बच्ची का खून रेयर ब्लड ग्रुप के श्रेणी में आता है। बच्ची (अलीशा) का खून बॉम्बे ब्लड ग्रुप का है। ऐसे में उसे किसी बॉम्बे ब्लड ग्रुप के खून की जरूरत है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप के शख्स ने बच्ची की बचाई जान 

बता दें कि मां ब्लड बैंक की पहल पर  14 साल की अलीशा परवीन बच्ची की जान बचाने के लिए महाराष्ट्र से चलकर माधव नाम का व्यक्ति पटना पहुंचा। इस दौरान उसने देर रात 12 बजे  करीब बच्ची को ब्लड डोनेट किया। जिसके बाद बच्ची की हालत में सुधार हुआ। इस दौरान माधव ने मीडिया से बात करते हुए बताया, कि रक्तदान महादान होता है। आप सभी को बता दें भारत की इतनी बड़ी (140 करोड़) जनसंख्या होने के बावजूद इस टाइप के रेयर ब्लड की रजिस्टर्ड संख्या महज 400 है। बहरहाल बच्ची की हालत अभी ठीक है।

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