Waqf Amendment Bill: इंतजार की घड़ी पर अंतत: विराम लग चुका है। लोकसभा और राज्यसभा से मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक पारित करा लिया है। अब राष्ट्रपति के साइन के बाद संशोधित विधेयक कानून बन जाएगा। इससे पूर्व पीएम मोदी ने वक्फ अमेंडमेंट बिल को ऐतिहासिक बताते हुए इसे गरीब और पसमांदा मुसलमानों के हित में बताया है। वहीं राहुल गांधी वक्फ बिल को मुसलमानों के लिए षडयंत्र बता रहे हैं। इस बीच बड़ा सवाल ये है कि क्या न्यायपालिका Waqf Amendment Bill की राह में रोड़ा बन सकता है? हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि कानूनी विशेषज्ञ अभिषेक मनु सिंघवी ने इसकी आशंका जताई है। यही वजह है कि वक्फ बिल पर PM Modi की प्रतिक्रिया के बाद भी संशय बरकरार है।
लोकसभा, राज्यसभा से Waqf Amendment Bill पारित होने के बाद गदगद नजर आए PM Modi
प्रधानमंत्री भले की थाईलैंड की धरती पर हैं, लेकिन उनके ज़हन में वक्फ की गूंज साफ सुनी जा सकती है। पीएम मोदी के सोशल मीडिया हैंडल से वक्फ अमेंडमेंट बिल पारित होने के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है। Waqf Amendment Bill पर प्रधानमंत्री का कहना है कि ये कदम सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे उन लोगों को मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर हैं, जिससे उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है। PM Modi का कहना है कि पुराना कानून खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचता था। संसद द्वारा पारित Waqf Bill पारदर्शिता को बढ़ाएगा और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेगा।
गौर करने वाली बात है कि लंबे चर्चा के बाद केन्द्र सरकार ने ऐतिहासिक वक्फ अमेंडमेंट बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पारित करा लिया है। लोकसभा में जहां बिल के समर्थन में 288 वोट पड़े, तो वहीं विरोध में 232 वोट पड़े। राज्यसभा की बात करें तो बिल पारित करने के समर्थन में 128 वोट पड़े, जबकि विधेयक के विरोध में 95 सांसदों ने मजबूती से अपनी आवाज को बुलंद रखा। हालांकि, अंतत: मोदी सरकार ने Waqf Amendment Bill को दोनों सदनों से पारित कर बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।
क्या न्यायपालिका वक्फ अमेंडमेंट बिल की राह में बन सकती है रोड़ा?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कानूनी विशेषज्ञ अभिषेक मनु सिंघवी ने इसकी आशंका जताई है। उनका कहना है कि सरकार बहुमत का दुरुपयोग किया है और विधेयक को थोपा गया है। अगर विधेयक को न्यायालय में चुनौती दी जाती है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि न्यायपालिका इसे असंवैधानिक घोषित कर देगी।”
कपिल सिब्बल सीधे तौर पर कानूनी अड़चन का जिक्र करने से बचते नजर आए। उनका कहना है कि दोनों सदनों में BJP के पास बहुमत है। बड़ी संख्या में लोगों ने विधेयक का विरोध किया है। इसका राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा, खासकर उन राजनीतिक दलों पर जिन्होंने भाजपा का समर्थन किया है क्योंकि बिहार में चुनाव होने वाले हैं। विभाजन की राजनीति से देश को नुकसान होगा।” माना जा रहा है कि यदि वक्फ बिल के खिलाफ चुनौती दी गई, तो न्यायाल में Kapil Sibbal इसकी अगुवाई करते नजर आ सकते हैं।
सांसद और कानूनी मामलों के जानकार असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि “मुंबई में एक बहुत बड़े दौलतमंद ने खोजा बिरादरी के यतीमखाने को साल 2004-05 में 22 करोड़ में खरीद लिया और वो केस Supreme Court में है। तो क्या Limitation Act लगाकर आप उन्हें मालिक बनाना चाहते हैं?” उनके इस अंदाज से स्पष्ट है कि वो आगे Waqf Amendment Bill को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ सकते हैं।
वहीं BJP का स्टैंड बिल्कुल क्लियर है और पार्टी संशोधित विधेयक को लोकसभा, राज्यसभा से पारित कराने के बाद उत्साहित है। बीजेपी का कहना है कि वो बिल के समर्थन में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि यदि मुस्लिम संगठन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं, तो क्या होगा?