Prashant Kishor: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 238 में से 236 सीटों पर अपनी जमानत गंवा दी। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जन सुराज ने कई सीटों पर चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों पर गौर करें तो जन सुराज का वोट शेयर 35 सीटों पर जीत के अंतर से अधिक रहा। इनमें से 19 सीटें एनडीए के खाते में गईं, जबकि महागठबंधन ने 14 सीटें जीतीं।
इसके अलावा, एआईएमआईएम और बसपा ने एक-एक सीट जीती। कुल मिलाकर, 243 विधानसभा सीटों में से 238 पर चुनाव लड़ने के बावजूद, जन सुराज पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। प्रशांत किशोर की छवि पर आधारित एक आक्रामक और व्यापक प्रचार अभियान के बावजूद, जन सुराज 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में अपने शुरुआती उत्साह को वोटों में बदलने में विफल रहा। जिसके बाद प्रशांत किशोर के उन भविष्यवाणी पर सवाल उठने लगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि, ”अगर जेडीयू को 25 से ज्यादा सीट आई तो वह संन्यास ले लेंगे।”
Prashant Kishor ने सीएम नीतीश और एनडीए सरकार के सामने रखी नई शर्तें
बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की ज़िम्मेदारी ली और अपने उस बयान पर भी टिप्पणी की जिसमें उन्होंने कहा था कि, ”अगर जेडीयू 25 से ज़्यादा सीटें जीतती है तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।” प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं किसी पद पर नहीं हूँ, तो किस पद से इस्तीफ़ा दूँ? मैंने कभी नहीं कहा कि मैं बिहार छोड़ दूँगा; मैं बिहार में ही रहूँगा। मैंने कहा था कि मैं राजनीति में नहीं आऊँगा, और मैं उस पर कायम हूँ।”
हालाँकि, इस बयान के साथ प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और एनडीए सरकार के सामने एक शर्त भी रख दी है। प्रशांत किशोर ने कहा, “आपने उन महिलाओं को 2 लाख रुपये देने का वादा किया था। अब, उन्हें छह महीने में 2-2 लाख रुपये दीजिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो साफ़ है कि आपने वोट खरीदने के लिए 10,000 रुपये का इस्तेमाल किया। मैंने 25 सीटों की बात कही थी, और अब भी अपने बातों पर कायम हूँ। अगर नीतीश कुमार 1.5 करोड़ लोगों को 2-2 लाख रुपये दे दें, तो मैं राजनीति छोड़ दूँगा।” अगर इसके बाद भी बिहार से पलायन रुक जाए, तो भी मैं राजनीति छोड़ दूँगा।
प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश और एनडीए सरकार से की ये खास अपील
प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने “व्यवस्था परिवर्तन” के संकल्प के साथ साढ़े तीन साल तक अभियान का संचालन किया, लेकिन न तो व्यवस्था बदल पाई और न ही सरकार। उन्होंने स्वीकार किया कि जनता का उन पर भरोसा न होना इस बात का संकेत है कि उन्होंने और उनकी टीम ने एक गंभीर गलती की है।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ”कुछ नेताओं के बारे में उन्होंने जो बातें पहले कही थीं, वे आज भी वैसी ही हैं। हमें उम्मीद थी कि सरकार कार्रवाई करेगी, लेकिन जनता ने उन्हें दोबारा चुनकर भारी बहुमत दिया है। अब एनडीए की ज़िम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाए। अगर ऐसे लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो ज़रूरत पड़ने पर मैं अदालत जाऊँगा। अगर मैंने जिन चार नेताओं का ज़िक्र किया है, वे सरकार का हिस्सा बनते हैं, तो मैं अदालत जाने से नहीं हिचकिचाऊँगा।”






